कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानून लागू नहीं होना शर्मनाक: करात
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने बुधवार को कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि देश के ज्यादातर संस्थानों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के साथ निपटने वाले कानून लागू नहीं किए गए।
हैदराबाद। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने बुधवार को कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि देश के ज्यादातर संस्थानों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के साथ निपटने वाले कानून लागू नहीं किए गए। देश में जोर पकड़ रहे ‘मी टू’ अभियान के बीच करात ने यह टिप्पणी की है। यौन दुर्व्यवहार के तहत आने वाली विस्तृत श्रेणियों में अपने साथ घटी घटनाओं को कई महिलाएं सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं।
करात ने कहा कि महिला की असहमति का अर्थ है कि यौन प्रकृति वाला किसी भी तरह का कार्य यौन उत्पीड़न के दायरे में आएगा। ऐसे पुरुषों को सजा मिलनी चाहिए। यह शर्मनाक है कि ज्यादातर कार्यस्थलों पर इस संबंध में बनाया गया कानून लागू नहीं है। पार्टी पोलितब्यूरो की सदस्य एवं अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संगठन की संरक्षक ने कहा कि पुरुषों को सहमति का अर्थ सिखाना होगा।
करात ने कहा कि महिलाएं चुप्पी साधे रहने और खुद ही को दोषी समझ लिए जाने की संस्कृति को अब तोड़ रही हैं जो उन सत्ताधारी पुरुषों की ढाल बनता था जो महिलाओं को अपने सुख के लिए उपभोग की वस्तु मानने को अपना अधिकार समझते हैं।
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