बारामती में सवा शेर साबित हुए Sharad Pawar, हार के कारण विधानसभा चुनाव में Ajit Pawar के सामने खड़ा हुआ बड़ा राजनैतिक संकट

Baramati
प्रतिरूप फोटो
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Anoop Prajapati । Sep 2 2024 7:01PM

बारामती लोकसभा क्षेत्र शरद पवार का महाराष्ट्र में सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। जहां से वे 1996 से लेकर 2004 तक लगातार चार बार सांसद रहे हैं। उनके बाद एनसीपी के टिकट पर ही उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी 2009 से लेकर 2019 तक सांसद चुनी जाती रही हैं।

बारामती महाराष्ट्र का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह क्षेत्र शरद पवार का महाराष्ट्र में सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। जहां से वे 1996 से लेकर 2004 तक लगातार चार बार सांसद रहे हैं। उनके बाद एनसीपी के टिकट पर ही उनकी बेटी सुप्रिया सुले भी 2009 से लेकर 2019 तक सांसद चुनी जाती रही हैं। हालांकि, 2024 के चुनाव में यह सीट देश की सबसे हॉट सीट बनी हुई थी। जहां अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और सुप्रिया सुले के बीच मुकाबला था। जिसमें सुप्रिया सुले चुनाव जीतने में सफल रहीं। 1952 में देश के लिए हुए पहले लोकसभा निर्वाचन के दौरान यह सीट अस्तित्व में नहीं थी। 

1957 में दूसरे संसदीय चुनाव के दौरान इस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया। यह क्षेत्र पुणे जिले का हिस्सा है। यहां तहसील मुख्यालय भी है। करहा नदी के तट पर बसे होने के चलते यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है। बारामती लोकसभा क्षेत्र के तहत दौंड, इंदापुर, बारामती, पुरंदर, भोर और खड़कवासला विधानसभा क्षेत्र सम्मिलित हैं। इन सभी छह विधानसभा क्षेत्र में से भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और अजित पवार के गुट वाली एनसीपी में से प्रत्येक पार्टी के पास दो-दो सीटे हैं। बारामती लोकसभा क्षेत्र की दौंड विधानसभा सीट पर अब तक शिवसेना के अलावा सभी पार्टियों जीतने में सफल रही हैं। वर्तमान में बीजेपी के राहुल कुल इस क्षेत्र से विधायक हैं। विधायक राहुल कुल 2014 के चुनाव में भी राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी से विधायक चुने गए थे।

बारामती लोकसभा क्षेत्र की इंदापुर विधानसभा सीट एक समय तक कांग्रेस के राज्य में सबसे मजबूत गढ़ों में से एक थी, लेकिन पिछले दो चुनाव से एनसीपी ने कांग्रेस के वर्चस्व को यहां काम किया है। फिलहाल अजित पवार के गुट वली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दत्तात्रेय भरने इस क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनके पहले हर्षवर्धन पाटिल लगातार चार बार यहां से विधायक चुने गए थे। इस लोकसभा क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण सीट बारामती विधानसभा है। जहाँ पवार परिवार का पिछले लगभग 60 साल से एक छत्रराज चल रहा है। बारामती विधानसभा क्षेत्र से शरद पवार 1967 से लेकर 1990 तक विधायक चुने गए थे। उनके बाद पवार के भतीजे अजित पवार 1991 से लेकर 2019 तक लगातार सात बार इस क्षेत्र की जनता का राज्य की विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अजीत पवार वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री भी हैं।

1962 में महाराष्ट्र राज्य के गठन के साथ ही अस्तित्व में आयी पुरंदर विधानसभा सीट वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के पास है। कांग्रेस के नेता संजय चंद्रकांत जगताप यहां से पिछले चुनाव में विधायक चुने गए थे। उनके पहले शिवसेना ने भी लगातार दो बार यह सीट जीती थी। बारामती लोकसभा की भोर विधानसभा सीट पर कांग्रेस 1980 से लेकर अब तक सिर्फ एक बार ही 1999 में चुनाव हारी है। वर्तमान में पार्टी के कद्दवार नेता संग्राम थोपटे लगातार 15 साल से विधायक चुने जा रहे हैं। विधायक संग्राम थोपटे पूर्व विधायक अनंत राव थोपटे के सुपुत्र हैं। राज्य की विधानसभा में 211 नंबर से जाने जानीवाली खडकवासला विधानसभा सीट 2011 में हुए उपचुनाव के बाद से भारतीय जनता पार्टी के पास है। जहां से पार्टी के नेता भीमराव तपकीर पर क्षेत्र के मतदाता लगातार तीन बार अपना भरोसा जता चुके हैं।

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