शरद पवार ने PM मोदी से कहा, बंद को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पर विचार करे सरकार

Sharad Pawar

पिछले माह निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों के कारण संक्रमण तेजी से फैलने के आरोपों पर पवार ने आगाह किया कि संक्रमण फैलने के लिए किसी खास समुदाय को दोष देना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि अब पूरा ध्यान बीमारी को फैलने से रोकने पर होना चाहिए।

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी से पूरी तरह पार पाने की लड़ाई लंबी चलेगी और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा इसलिए केन्द्र को देश के आर्थिक हालात सुधारने संबंधी उपायों पर विचार करना शुरू कर देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ आज विभिन्न दलों के नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक हुई जिसमें पवार में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में 21 दिन के बंद के बाद पाबंदियोंको कुछ खास क्षेत्रों से हटाने का सुझाव दिया।

पवार के फेसबुक पोस्ट के अनुसार उन्होंने मोदी से कहा,‘‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लंबी चलेगी। इसका वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। उचित कदम उठाने की जरूरत है। कुल मिला कर केन्द्र को अभी से अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के कदमों पर विचार करना शुरू कर देना चाहिए।’’ पवार ने राज्यों के राजस्व बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करने की मांग करते हुएकेन्द्र से राज्य सरकारों को जीएसटी मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने गैर नियोजित खर्चों में कमी करने का अनुरोध किया और सरकार से नए ‘संसद भवन’ के निर्माण के काम को आगे बढ़ाने पर विचार करने को कहा। पवार ने कहा कि कोरोना वायरस से उद्योग और किसान बेहद प्रभावित हुए हैं इस लिए प्रधानमंत्री को इन क्षेत्रों को राहत सुनिश्चित करनी चाहिए। 

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पिछले माह निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों के कारण संक्रमण तेजी से फैलने के आरोपों पर पवार ने आगाह किया कि संक्रमण फैलने के लिए किसी खास समुदाय को दोष देना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि अब पूरा ध्यान बीमारी को फैलने से रोकने पर होना चाहिए। पवार ने उन ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जो मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से स्थिति को सांप्रदायिक रंग देने और एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि मोदी ने विभिन्न दलों के 18 नेताओं से बातचीत की, जिनमें से अधिकतर विपक्षी दलों से थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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