शरद यादव का आरोप, मोदी सरकार न्यायपालिका में दखल दे रही है

Sharad Yadav blames Modi government for interfering in judiciary
[email protected] । Apr 26 2018 5:40PM

वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कोलेजिम द्वारा संस्तुत न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ़ के नाम पर केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी नहीं दिये जाने को न्यायपालिका के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप बताया है।

नयी दिल्ली। वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए कोलेजिम द्वारा संस्तुत न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ़ के नाम पर केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी नहीं दिये जाने को न्यायपालिका के क्षेत्राधिकार में हस्तक्षेप बताया है। यादव ने आज संवाददाताओं को बताया कि केन्द्र सरकार के रवैये से संवैधानिक संस्थायें खतरे में हैं और न्यायमूर्ति जोसेफ के मामले में उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों को बैठक कर इस स्थिति पर विचार करना चाहिये। उन्होंने कहा ‘‘यह बहुत ही गंभीर मामला है और मैं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों से अनुरोध करूंगा कि वे एकजुट होकर स्थिति पर विचार करें जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि न्यायपालिका में लोगों का विश्वास बरकरार है।’’

उल्लेखनीय है कि कोलेजियम ने उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जोसेफ और वरिष्ठ वकील इन्दु मल्होत्रा को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनाये जाने की सरकार से अनुशंसा की थी। सरकार ने मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी लेकिन न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम पर कोलेजियम से फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। यादव ने कहा कि मोदी सरकार सत्ता में चार साल बीतने के बाद भी चुनाव पूर्व किये गये वादे पूरे करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि बेकाबू हो चुकी मंहगायी, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों पर बढ़ते हमले और बेरोजगारी की विकराल होती समस्या से लोगों का ध्यान हटाने के लिये सरकार तरह तरह के हथकंडे अपना रही है। 

इस बीच जदयू से अलग हुये शरद गुट ने ‘लोकतांत्रिक जनता दल’ के नाम से अपनी अलग पार्टी भी बना ली है। समझा जाता है कि यादव को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने से जुड़ा मामला अदालत में लंबित होने के कारण वह नयी पार्टी में औपचारिक तौर पर शामिल नहीं हुये हैं। पार्टी की नवनियुक्त महासचिव सुशीला मोराले ने बताया कि संवैधानिक संस्थाओं पर मंडराते संकट और राष्ट्रीय समस्याओं से देश में फैली निराशा से निजात दिलाने के लिये उनकी पार्टी राजनीतिक विकल्प बनेगी। उन्होंने बताया कि पार्टी का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 18 मई को दिल्ली में होगा। सम्मेलन में यादव पार्टी के मार्गदर्शक के रूप में शिरकत करेंगे। 

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