नीतीश की महागठबंधन में वापसी के विरोध में खड़े हुए शरद यादव

Sharad Yadav opposes Nitish kumar return in mahagathbandhan

नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी को लेकर अटकलों के दौर के बीच जनता दल युनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कड़ा रुख अपना लिया है। बताया जा रहा है कि शरद यादव इस बात के खिलाफ हैं कि नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी हो।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी को लेकर अटकलों के दौर के बीच जनता दल युनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कड़ा रुख अपना लिया है। बताया जा रहा है कि शरद यादव इस बात के खिलाफ हैं कि नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी हो। शरद यादव के करीबी सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार के प्रति लालू प्रसाद यादव का नरम रुख देख शरद यादव ने लालू से फोन पर बात की और कहा कि नीतीश विश्वास के लायक व्यक्ति नहीं हैं। मुंबई के एक अस्पताल में अपना इलाज करा रहे लालू से हाल ही में नीतीश ने भी बात की थी और उनका हाल जाना था। उससे पहले शरद यादव मुंबई जाकर लालू से मिल चुके थे लेकिन जब उन्हें खबर लगी कि लालू और नीतीश की बात हुई है तो वह तुरंत सक्रिय हो गये।

शरद यादव कांग्रेस नेताओं से मिले

शरद यादव ने कांग्रेस नेताओं से भी बात कर महागठबंधन में नीतीश की प्रस्तावित वापसी का विरोध किया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने शरद यादव का पक्ष सुना है लेकिन पार्टी नीतीश कुमार के खिलाफ कोई बयान देने से बच रही है। कांग्रेस मानती है कि यदि नीतीश कुमार फिर से साथ आते हैं तो महागठबंधन को फायदा होगा। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेज प्रताप यादव भले नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हों लेकिन तेजस्वी यादव ने अपना रुख बदला है और नीतीश पर सीधे आरोप लगाने की बजाय सरकार के फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं। दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी नहीं कह रहे हैं।

भाजपा की तैयारी तेज

उधर, भाजपा भी नीतीश कुमार के रुख के प्रति आशंकित है इसलिए पार्टी ने लोक जनशक्ति पार्टी तथा रालोसपा के साथ ही मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है। पार्टी सूत्रों ने साफ किया है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा किसी कीमत पर राजग सहयोगियों को अपने से ज्यादा सीटें लड़ने के लिए नहीं देगी। पार्टी को भरोसा है कि भले नीतीश कुमार बड़े नेता हों लेकिन प्रधानमंत्री पद के चुनाव में जनता नरेंद्र मोदी का ही समर्थन करेगी।

शरद यादव इसलिए हैं नाराज

दूसरी ओर शरद यादव ने योजना बनाई है कि वह जल्द ही बिहार में जाकर लोगों से मिलने के अभियान को और आगे बढ़ायेंगे। नीतीश कुमार ने जब राजग में दोबारा लौटने का फैसला किया था तब यादव ने इसका विरोध किया था। चूँकि पार्टी में नीतीश समर्थकों का ही प्रभुत्व है इसलिए शरद यादव को पहले पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और फिर बाद में उनकी राज्यसभा सदस्यता भी समाप्त करवा दी गयी। अभी उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाकर शरद यादव किसी तरह दिल्ली का अपना सरकारी बंगला अदालत का अंतिम फैसला आने तक बचाये रखने में कामयाब हुए हैं।

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