शशि थरूर बोले- विदेशों से लौटे 99 प्रतिशत मेडिकल छात्र मझधार में फंसे
थरूर ने ट्वीट किया, यूक्रेन से सुरक्षित निकाले गए भारतीय मेडिकल छात्रों की परेशानी का मुद्दा उठाए जाने के बाद उसके जवाब में मुझे अभी-अभी स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का यह पत्र मिला। मुझे आशंका है कि 99 प्रतिशत छात्र बीच मझधार में फंस जाएंगे।
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थरूर ने ट्वीट किया, यूक्रेन से सुरक्षित निकाले गए भारतीय मेडिकल छात्रों की परेशानी का मुद्दा उठाए जाने के बाद उसके जवाब में मुझे अभी-अभी स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का यह पत्र मिला। मुझे आशंका है कि 99 प्रतिशत छात्र बीच मझधार में फंस जाएंगे।’’ थरूर ने ट्वीट के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पत्र भी पोस्ट किया। मांडविया ने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने देश की शीर्ष चिकित्सा नियामक संस्था राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के परामर्श से मामले पर विचार किया। उन्होंने कहा कि विदेशी मेडिकल छात्र / स्नातक या तो स्क्रीनिंग टेस्ट रेगुलेशन, 2002 या विदेशी चिकित्सा स्नातक लाइसेंस विनियम, 2021 के अंतर्गत आते हैं।
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उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद कानून, 1956 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग कानून, 2019 में किसी भी विदेशी चिकित्सा संस्थान के मेडिकल छात्रों को भारतीय मेडिकल कॉलेजों में समायोजित करने या स्थानांतरित करने का कोई प्रावधान नहीं हैं। पत्र में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसरण में, एनएमसी ने 28 जुलाई को एक सार्वजनिक नोटिस में एक योजना घोषित की जिसके तहत उन छात्रों को विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी जिन्होंने 30 जून तक संस्थान द्वारा पाठ्यक्रम या डिग्री पूरा करने का प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है।
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