RJD या आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं शत्रुघ्न सिन्हा

shatrughan sinha may join aam aadmi party

शत्रुघ्न सिन्हा अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू करने की तैयारी में हैं। वर्तमान में बिहार की पटना साहिब सीट से लोकसभा सदस्य सिन्हा भाजपा के बागी नेताओं में गिने जाते हैं और केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते।

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू करने की तैयारी में हैं। वर्तमान में बिहार की पटना साहिब सीट से लोकसभा सदस्य सिन्हा भाजपा के बागी नेताओं में गिने जाते हैं और केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते। राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव के साथ उनकी करीबी जगजाहिर है। सिन्हा के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी अच्छे संबंध हैं लेकिन जबसे नीतीश एनडीए के साथ आये हैं तब से सिन्हा ने नीतीश से मुलाकात नहीं की है, ऐसा सूत्रों का कहना है। हालांकि सिन्हा कई बार यह कह चुके हैं कि भाजपा ही उनका पहला और अंतिम दल होगा लेकिन ऐसी खबरें हैं कि वह राजद या आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

भाजपा में करीब-करीब यह तय हो चुका है कि शत्रुघ्न सिन्हा को 2019 के लोकसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया जायेगा और इस सीट से पार्टी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को उम्मीदवार बना सकती है जोकि अभी राज्यसभा सांसद हैं। रविशंकर प्रसाद की पटना साहिब सीट से चुनाव लड़ने की बहुत पुरानी इच्छा है और वह 2019 में पूरी होने की पूरी पूरी संभावना है। प्रसाद की छवि साफ सुथरी है और वह बिहार तथा केंद्र की राजनीति में कई दशकों से सक्रिय हैं।

शत्रुघ्न सिन्हा को बिहार भाजपा पूरी तरह साइड कर चुकी है। ना तो उन्हें पार्टी के किसी कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी जाती है ना ही उनके किसी कार्यक्रम में भाजपा के नेता जाते हैं। सिन्हा भी समझ रहे हैं कि अगली बार उन्हें टिकट नहीं मिलने वाला। इसलिए उन्होंने दूसरे दल के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। सिन्हा की पहली प्राथमिकता राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने की है। लेकिन ऐसा वह तभी करेंगे जब कांग्रेस भी राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़े। फिलहाल तो कांग्रेस और राजद साथ हैं लेकिन लोकसभा चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा सही से नहीं हुआ तो कांग्रेस और राजद की अलग चुनाव लड़ने की भी तैयारी है।

शत्रुघ्न सिन्हा की दूसरी प्राथमिकता आम आदमी पार्टी है। यदि पटना साहिब से बात नहीं बनी तो सिन्हा नयी दिल्ली संसदीय सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अच्छे संबंध हैं। दिल्ली विधानसभा चुनावों के समय भी शत्रुघ्न सिन्हा ने खुलकर केजरीवाल का समर्थन किया था। यही नहीं वह दिल्ली सरकार के सचिवालय जाकर भी कई बार केजरीवाल से मुलाकात कर चुके हैं। पिछले दिनों जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अनशन पर बैठी थीं तब भी सिन्हा ने वहां जाकर मालीवाल का समर्थन किया था। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर जंग के बीच सिन्हा के ट्वीट भाजपा के लिए मुश्किलों का सबब बने थे। 

जहां तक नयी दिल्ली संसदीय सीट की बात है तो यहां से सिन्हा 90 के दशक में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं तब उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार और सुपरस्टार राजेश खन्ना के हाथों मात मिली थी। अगर सिन्हा यहां से दोबारा चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं क्योंकि भाजपा के अंदरूनी सर्वेक्षण के मुताबिक दिल्ली की सात में से एक इसी सीट पर उसकी हालत कुछ पतली नजर आ रही है। पिछले लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी सभी सातों सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नयी दिल्ली संसदीय सीट के तहत आने वाली नयी दिल्ली विधानसभा सीट से ही विधायक हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़