शीला ने खोली मन की व्यथा: बोली, ‘‘बरसों तक की गयी अनदेखी’

Sheila''s heart aches: The quote, "Ignoring the years"
[email protected] । Feb 18 2018 12:21PM

आम आदमी पार्टी के हाथों दिल्ली में 2013 के चुनावों में सत्ता गंवाने के बाद लगभग हाशिये पर चली गयी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने पार्टी नेताओं को ‘‘आंतरिक राजनीति नहीं करने की’’ नसीहत देते हुए स्वयं के बारे में कहा कि बरसों तक उनकी अनदेखी की गयी किंतु उन्होंने कुछ नहीं कहा।

नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी के हाथों दिल्ली में 2013 के चुनावों में सत्ता गंवाने के बाद लगभग हाशिये पर चली गयी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने पार्टी नेताओं को ‘‘आंतरिक राजनीति नहीं करने की’’ नसीहत देते हुए स्वयं के बारे में कहा कि बरसों तक उनकी अनदेखी की गयी किंतु उन्होंने कुछ नहीं कहा। तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला ने दिये साक्षात्कार में किसी का नाम लिये बिना अपनी मन की व्यथा खोली और कहा, ‘‘मुझसे जो कहा जाता है, वह मैं करती हूं। मैं कांग्रेस की हूं और कांग्रेस मेरी है। मैं कांग्रेस के लिए कुछ भी कर सकती हूं। जब मुझसे कोई कुछ कहेगा नहीं...मेरे में यह आदत भी नहीं है कि अपने आप से जाकर कहीं घुस जाऊं। तो बरसों तक उन्होंने अनदेखी की..पर मैंने कुछ नहीं कहा। कोई शिकायत नहीं की।’’ 

पिछले विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली नगर निगम सहित कई चुनाव एवं उपचुनाव हुए लेकिन शीला को पार्टी का स्टार प्रचारक बनाये जाने के बावजूद उनको प्रचार की कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं सौंपी गयी। पिछले दिनों शीला और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने एक साथ संवाददाता सम्मेलन किया। इन दोनों नेताओं को काफी समय बाद मंच साझा करते देखा गया। इसके पीछे के घटनाक्रम के बारे में पूछने पर शीला ने कहा, ‘‘अचानक से यह जो प्रेस कांफ्रेस हुई, उससे पहले चार-पांच बार मेरे घर आये माकन जी। वह बोले, हम चाहते हैं (कि आप साथ आये), आपका काम है। हम इस काम का प्रचार करना चाहते हैं, इस्तेमाल करना चाहते हैं।’’

शीला ने कहा, ‘‘ मेरे मन में कोई दुविधा नहीं है। हमें तो कांग्रेस के लिए काम करना है। किसी व्यक्ति विशेष के प्रति मन में कुछ नहीं है। अगर पार्टी के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं, तो यही सोच कर मैं गयी और आपने देखा कि नतीजा अच्छा निकला। लेकिन पहले उन्होंने कभी कहा नहीं, इसलिए मैं गयी नहीं। जब चुनाव हुए तो उन्होंने एक भी बार मुझसे नहीं कहा कि आइये।’’ उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं को साथ में लेकर चलने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि यदि सभी साथ नहीं चलेंगे तो नुकसान कांग्रेस का ही होगा। उन्होंने कहा कि जब उन्हें पहली बार दिल्ली में कांग्रेस की जिम्मेदारी दी गयी तो पार्टी हाईकमान ने उनकी पसंद पूछी थी। उन्होंने कहा कि जो है, सो है। किसी को बदलने की जरूरत नहीं है। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें ध्यान रखना चाहिए कि आतंरिक राजनीति न हो। दुर्भाग्य की बात है कि ये इस बात को नहीं समझते। उन्हें यह समझना होगा कि हमारी दुश्मन कांग्रेस नहीं है। हमारे विरोधी विपक्ष है। जिस दिन यह समझ आ जाएगा, सब ठीक हो जाएगा।’’ दिल्ली के सिख नेता अरविन्दर सिंह लवली कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। किंतु उन्होंने अपनी भूल का सुधार करते हुए कांग्रेस में वापसी कर ली। माना जाता है कि लवली शीला के काफी करीबी हैं।

दिल्ली की आप सरकार की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा कि तीन साल हो गये हैं। या तो आप उनके इश्तेहार देखेंगे या खूब सारी बातें देखेंगे...हमने ये कर दिया, हमनें वह कर दिया। लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं दिखाई देता है।  उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं दो उदाहरण दूं। वह कहते थे कि बिजली-पानी फ्री कर देंगे। किसी का बिजली-पानी फ्री नहीं किया। चलिए हमारा मत करिये। किंतु गरीब तबका है, उसका तो कर देते। अब वह समय आ गया है कि (अरविन्द) केजरीवालजी की इस बात को लेकर पोल खुल गयी है कि वह क्या कहते हैं और क्या करते हैं?’’ 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़