शिवसेना ने पवार पर बोलो हमला कहा, उनकी राजनीति महाराष्ट्र के लिए ‘‘खतरनाक’’ है
राकांपा प्रमुख शरद पवार पर तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना ने आज कहा कि उनकी राजनीति महाराष्ट्र के लिए ‘‘खतरनाक’’ है और यह समाज में सद्भाव बिगाड़ने वाली है।
मुंबई। राकांपा प्रमुख शरद पवार पर तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना ने आज कहा कि उनकी राजनीति महाराष्ट्र के लिए ‘‘खतरनाक’’ है और यह समाज में सद्भाव बिगाड़ने वाली है। शिवसेना ने कहा कि यह पूर्व मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता कि वह भीमा - कोरेगांव हिंसा में पुलिस की जांच में बाधा पैदा करें। उसने पवार से पूछा कि वह घटना की जांच पर उंगली उठाकर किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि भीमा - कोरेगांव में एक जनवरी को जातिवादी हिंसा के संबंध में पुणे पुलिस द्वारा हाल में पांच लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पवार ने आरोप लगाया कि सरकार ‘एल्गार परिषद’ बनाने के लिए कुछ ‘‘प्रगतिशील’’ लोगों को ‘‘नक्सली’’ साबित करने की कोशिश कर रही है। उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर हिंसा की हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए शिवसेना ने आगाह किया कि महाराष्ट्र के भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें की जा रही हैं। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, शरद पवार की राजनीति राज्य के लिए खतरनाक है।
अखबार में पूछा गया है कि क्या पवार , भारीपा बहुजन महासंघ नेता प्रकाश अंबेडकर और अन्यों ने भीमा-कोरेगांव हिंसा में जांच को भटकाने का जिम्मा ले लिया है। मराठी भाषा के दैनिक अखबार ने कहा, ‘‘किस आधार पर शरद पवार कहते हैं कि भीमा-कोरेगांव में दंगों को भड़काने के लिए पुलिस द्वारा पकड़े गए लोगों ने वास्तव में ऐसा कुछ नहीं किया।
अखबार में लिखा गया है कि कई बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार को यह शोभा नहीं देता कि वह पुलिस की राह में रोड़े अटकाए और उसकी जांच पर सवाल करें। उसमें कहा गया है , ‘‘ पुलिस ने गलत लोगों को पकड़ा है , यह कहकर पवार किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं। ?’’।
संपादकीय में कहा गया है, जब भीमा- कोरेगांव हिंसा के कारण महाराष्ट्र जल रहा था तो पवार कैमरे के सामने आने और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करने बजाय यह भ्रम फैला रहे थे कि इसके पीछे हिंदुत्व संगठन हैं। इसमें कहा गया है कि पवार से सड़कों पर आने और लोगों से शांत रहने की अपील करने की उम्मीद थी।
शिवसेना ने कहा, ‘‘पवार क्या करते हैं यह उनका नजरिया है। हालांकि उनकी राजनीति समाज में सद्भाव को बिगाड़ती है।
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