शिवसेना का मोदी पर हमला, मुद्दों को दबाने पर ही फूट रहे हैं विरोध के स्वर
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा का संज्ञान लेते हुए शिवसेना ने कहा कि सरकार द्वारा मुद्दों को ‘दबाने’ की प्रवृत्ति की कीमत राज्य को चुकानी पड़ी।
मुम्बई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा का संज्ञान लेते हुए शिवसेना ने कहा कि सरकार द्वारा मुद्दों को ‘दबाने’ की प्रवृत्ति की कीमत राज्य को चुकानी पड़ी। पार्टी ने ‘परिदृश्य से गायब रहने’ के लिए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की आलोचना भी की। शिवसेना ने कहा कि भाजपा सामान्य तौर पर श्रेय लेने में आगे रहती है और कल हुए बंद और हिंसा का श्रेय भी उसे लेना चाहिए।
इसने कहा कि पारली (बीड जिले) में जब कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू किया था उसी वक्त अगर मुख्यमंत्री ने मराठा समुदाय से बात की होती तो इसके बाद की घटनाएं नहीं होतीं। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में आरोप लगाया है, ‘बहरहाल, सरकार की प्रवृत्ति की कीमत राज्य को चुकानी पड़ी जो मुद्दों को दबाना चाहती है।’ शिवसेना ने कहा कि मराठा मोर्चा में हिस्सा लेने वाली भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस के लिए कठिन हो गया था क्योंकि भावनात्मक के अलावा यह मुद्दा प्रतिष्ठा का भी हो गया था और पिछले 24 घंटे पुलिस असहाय प्रतीत हो रही थी।
पार्टी ने कहा कि हर समस्या सामान्य तौर पर खुद ही निपटाने वाले मुख्यमंत्री फडणवीस परिदृश्य से गायब थे और किसी को भी नहीं पता था कि वह कहां हैं या क्या कर रहे हैं, जब मराठा आंदोलन हिंसक होने के कारण पूरे राज्य में अराजकता फैली हुई थी।
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