मोदी सरकार के तहत देश वित्तीय अराजकता का सामना कर रहा है: शिवसेना
केंद्र सरकार पर फिर से हमला करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि देश ‘वित्तीय अराजकता’ का सामना कर रहा है। भाजपा की कटु आलोचक सहयोगी पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले चार साल के कार्यकाल के दौरान कई बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं
मुंबई। केंद्र सरकार पर फिर से हमला करते हुए शिवसेना ने आज कहा कि देश ‘वित्तीय अराजकता’ का सामना कर रहा है। भाजपा की कटु आलोचक सहयोगी पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले चार साल के कार्यकाल के दौरान कई बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं और जानना चाहा कि उनकी सरकार ने बैंकों को जिन लोगों ने लूटा उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है।
शिवसेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मोदी सरकार के तहत तबाह हो गई है। रुपया को डॉलर के बराबर लाकर मोदी दिखाना चाहते थे कि (उनके पूर्ववर्ती) मनमोहन सिंह नहीं बल्कि वह असली अर्थशास्त्री हैं। संपादकीय में कहा गया है, ‘हालांकि, भारतीय मुद्रा अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है।’
उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि बैंक और वित्तीय संस्थान अनुशासनहीन बर्ताव कर रहे हैं और जिन लोगों ने बैंकों को लूटा वो मोदी की नाक के नीचे से देश से भाग गए। शिवसेना ने जानना चाहा, ‘भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करने और इसमें शामिल लोगों को जेल भेजने के वादे का क्या हुआ।’ एक सरकारी बैंक के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी करने के लिये पुणे के डेवलपर डी एस कुलकर्णी के खिलाफ हाल में दर्ज आपराधिक मामले का हवाला देते हुए शिवसेना ने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल के दौरान कई बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं।
सामना ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर , व्यापारी नीरव मोदी , मेहुल चोकसी और विजय माल्या के खिलाफ गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। संपादकीय में कहा गया है, ‘बड़े उद्योगपतियों ने तकरीबन 1.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज डुबा दिया है। इसमें बड़े नाम और राष्ट्रीयकृत बैंक शामिल हैं। अवैध तरीके से कर्ज देने के लिये कितने बैंकों के अध्यक्ष जेल गए हैं। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बैंकों को लूटने वालों के खिलाफ क्या कठोर कदम उठाए हैं।’
शिवसेना ने कहा कि नोटबंदी से देश में भय फैला और अर्थव्यवस्था प्रतिकूल तरीके से प्रभावित हुई। पार्टी ने दावा किया, ‘देश (नोटबंदी की वजह से) वित्तीय अराजकता का सामना कर रहा है और यह बढ़ता जा रहा है।’ पार्टी ने कहा, ‘नोटबंदी की वजह से असंगठित क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचा और बेरोजगारी बढ़ी। नोटबंदी से आतंकवाद खत्म होने का दावा भी खोखला साबित हुआ।’ शिवसेना ने नोटबंदी की कवायद के लिये आरबीआई के गवर्नर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।
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