मदद का आश्वासन तो ओबामा और क्लिंटन ने भी दिया थाः शिवसेना
सामना में कहा गया, ''अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को भरोसा दिलाया है कि आतंकवाद से निबटने में वह भारत के साथ खड़ा है। पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और बिल क्लिंटन ने भी यही बात कही थी।''
मुंबई। शिवसेना ने आज कहा कि विश्वभर में आतंकवाद पर भारत के रूख को प्रधानमंत्री ने भले दृढ़ता से सामने रखा हो लेकिन घरेलू स्तर पर, खासकर कश्मीर में हालात चिंताजनक हैं। यह टिप्पणी लक्षित हमलों को लेकर अमेरिका में नरेंद्र मोदी के वक्तव्य की पृष्ठभूमि में की गई है। पार्टी ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री विश्वभर में भारत की छवि को बदलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आंतरिक सुरक्षा की स्थिति चिंता का विषय है।
पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा, 'लक्षित हमलों पर प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य निश्चित तौर पर वजनदार था। लेकिन लक्षित हमलों के बावजूद पाकिस्तानी पक्ष की ओर से आतंकी गतिविधियां लगातार जारी हैं और हमारे जवान लगातार शहीद हो रहे हैं।' इसमें दावा किया गया कि ईद के मौके पर कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे लहराए गए और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए। इसमें कहा गया, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को भरोसा दिलाया है कि आतंकवाद से निबटने में वह भारत के साथ खड़ा है। पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और बिल क्लिंटन ने भी यही बात कही थी। लेकिन उन्होंने वास्तव में कितनी मदद दी है यह जांच का विषय है।'
संपादकीय में आगे कहा गया, 'यही नहीं, ट्रंप की नीतियों की वजह से अमेरिका में लाखों भारतीय नौकरी से हाथ धोने की कगार पर हैं। उम्मीद है कि मोदी-ट्रंप की मुलाकात में इसका कोई समाधान निकल सकेगा।' शिवसेना ने संपादकीय में कहा कि अब तक चीन के सैनिक अरुणाचल प्रदेश और लेह में घुसा करते थे। अब पता चला है कि वे सिक्किम में भी घुस आए और उन्होंने भारत के दो बंकरों को नष्ट कर दिया। यह चौंकाने वाली घटना है। शिवसेना ने आशा जताई कि मोदी-ट्रंप की मुलाकात पाकिस्तान और चीन से संबंधित मुद्दों का हमेशा के लिए समाधान निकाल देगी। लक्षित हमले पिछले वर्ष 29 सितंबर को किए गए थे।
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