शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पर कोर्ट की बड़ी कार्यवाई, 15 दिन में करना होगा सरेंडर
रिजवी व अन्य आरोपितों ने हाई कोर्ट में मुकदमा रद करने की याचिका दाखिल कर रखी है। हाई कोर्ट ने मुकदमा रद करने की मांग लंबित होने के कारण निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दी थी जो कि लंबे समय तक जारी रही। अभी हाल में हाई कोर्ट ने निचली अदालत की सुनवाई पर लगी रोक हटा दी थी जिसके बाद निचली अदालत ने रिजवी व अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
लखनऊ। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी वैसे तो अयोध्या में राम मंदिर को लेकर एक के बाद एक अपने बयानों से चर्चा में रहते हैं। लेकिन वसीम रिजवी कानूनी विवाद की वजह से सुर्खियों में है। लखनऊ की एक वक्फ संपत्ति कब्जाने व मारपीट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को 15 दिनों में सरेंडर करने का आदेश दिया है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ ने इस मामले में आदेश जारी किया है।
बता दें कि इस मामले में तीन मई को हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगी रोक के अपने पूर्व आदेश को वापस ले लिया था। जिसके बाद रिजवी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। बाद में उन्होंने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। यह सारा मामला लखनऊ की दरगाह हजरत अब्बास में नई कमेटी को प्रबंधन प्रभार सौंपने के दौरान हुई मारपीट और झगड़े का है। घटना 2012 की है। रिजवी व अन्य आरोपितों ने हाई कोर्ट में मुकदमा रद करने की याचिका दाखिल कर रखी है। हाई कोर्ट ने मुकदमा रद करने की मांग लंबित होने के कारण निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दी थी जो कि लंबे समय तक जारी रही। अभी हाल में हाई कोर्ट ने निचली अदालत की सुनवाई पर लगी रोक हटा दी थी जिसके बाद निचली अदालत ने रिजवी व अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
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