वरिष्ठ नेताओं ने हार के लिए सिद्धरमैया को बताया जिम्मेदार

Siddaramaiah gets emotional at MLAs'' meet, senior leaders blame him for defeat
[email protected] । May 16 2018 6:26PM

कर्नाटक के निवर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धरमैया आज पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर बोलते हुए ''''भावुक’’ हो गए। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया।

बेंगलुरू। कर्नाटक के निवर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धरमैया आज पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर बोलते हुए ''भावुक’’ हो गए। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया। 69 वर्षीय नेता को कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायकों की आलोचना का सामना करना पड़ा। उन्होंने उम्मीदवारों के चयन एवं लिंगायत मुद्दे को लेकर सिद्धरमैया को मिली पूरी छूट का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रदर्शन के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया।

इसी बीच निवर्तमान सरकार में गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि बैठक में ''तीन या चार’’ को छोड़कर अधिकतर विधायक मौजूद थे। वे विधायक रास्ते में थे लेकिन सभी विधायक पार्टी के संपर्क में हैं। उन्होंने 117 विधायकों के अपने (कांग्रेस-जद (एस) गठजोड़) तरफ होने का दावा करते हुए कहा कि ''इसके बावजूद अगर राज्यपाल हमें नहीं बुलाते तो हम आगे की राह का फैसला करेंगे... हम विधायकों की परेड भी करा सकते हैं।’’

घटनाक्रम से वाकिफ पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक के दौरान अपनी सरकार के ''अच्छे विकास कार्यों’’ के बावजूद कांग्रेस के हारने की बात करते हुए सिद्धरमैया थोड़े भावुक हो गए। ।सिद्धरमैया ने 12 मई को हुए चुनाव में ''ध्रुवीकरण’’ को उन कारकों में से एक बताया जिनसे पार्टी की संभावनाएं प्रभावित हुईं। सूत्रों ने बताया कि बैठक में एक निर्दलीय विधायक सहित 73 विधायक मौजूद थे। बैठक में शामिल नहीं हुए छह विधायक फोन पर पार्टी नेताओं के साथ संपर्क में थे। सूत्रों ने बताया कि आज यहां के एक होटल में कांग्रेस और जद (एस) की एक संयुक्त विधायक दल की बैठक निर्धारित है जिसके बाद कांग्रेस नेताओं को शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक रिसोर्ट में भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जद (एस) के भी ऐसा करने की उम्मीद है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश आया। 104 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी जबकि कांग्रेस के खाते में 78, जद (एस) के खाते में 37 और अन्य के खाते में तीन सीटें गयीं। रेड्डी ने भाजपा पर कांग्रेस विधायकों को लुभाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा, ''वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं, फिर से ऐसा करने में लगे हुए हैं लेकिन सफल नहीं होंगे... हम सब साथ हैं और साथ ही रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ''भाजपा ने हमारे पांच या छह विधायकों से संपर्क किया। इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आज बैठक में हाथ उठाए।’’ रेड्डी ने साथ ही कहा कि बैठक में कांग्रेस विधायक दल का नेता नहीं चुना गया और सरकार के गठन को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ''हम ने एक पत्र में हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री के रूप में (एचडी) कुमारस्वामी को अपना समर्थन दिया है।’’

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