सिद्धू ने संभाली पंजाब कांग्रेस की कमान, भाजपा ने याद दिलाए पुराने वादे
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू के सामने अब पार्टी को एकजुट करने और पुराने नेताओं और दिग्गजों का विश्वास जीतने के अलावा पार्टी में एकजुटता लाने की चुनौती है। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री सिंह ने सोनिया गांधी से कहा था कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि वह हाल के दिनों में उनके ऊपर किये गए अपने हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते।
क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस प्रमुख का कमान संभाल चुके हैं। अमरिंदर सिंह की नाराजगी के बावजूद भी आलाकमान की ओर से उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया। सिद्धू के साथ-साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष के बनाए गए हैं। इन सबके बीच भाजपा ने सिद्धू की नियुक्ति को लेकर पहले प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद का कमान संभालते ही सिद्धू को उनके पुराने वादे याद दिलाए हैं। आरपी सिंह ने ट्वीट कर उम्मीद जताई कि पंजाब में कांग्रेस की कमान संभालने वाले सिद्धू अपने पुराने वादों को नहीं भुलेंगे। उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रमुख से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सरकार केबल, परिवहन और ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने सिद्धू को 2015 की बेअदबी मामले में भी न्याय दिलाने की मांग की।
आरपी सिंह ने ट्वीट किया कि इमरान खान का यार दिलदार प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के मन भाये और जो 'खालिस्तानियों' को ठोके वो कूड़े के टोकरी में जाये। आपको बता दें कि पंजाब में 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए सिद्धू ने पिछले कुछ दिनों में समर्थन जुटाने के अपने प्रयास तेज कर दिये हैं और कई विधायकों और नेताओं से मुलाकात की है। इस फैसले के साथ ही पार्टी नेतृत्व ने अमरिंदर सिंह के विरोध की अनदेखी करते हुए सिद्धू का समर्थन करनेका स्पष्ट संकेत दे दिया है। पार्टी नेतृत्व को लगता है कि सिद्धू नई ऊर्जा और उत्साह के साथ पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर सकते हैं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं। सिद्धू की भीड़ आकर्षित करने और जोरदार प्रचार अभियान शुरू करने की क्षमता ने उनके पक्ष में काम किया है क्योंकि पार्टी को लगता है कि सत्ता में साढ़े चार साल के बाद पार्टी पदाधिकारियों में आयी सुस्ती को दूर करके उनमें नई ऊर्जा का संचार करना आवश्यक है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के समर्थन ने भी सिद्धू को कड़े प्रतिरोध के बावजूद यह पद हासिल करने में मदद की है।Congratulations @sherryontopp for CAPTAINCY.
— R P Singh: National Spokesperson BJP (@rpsinghkhalsa) July 19, 2021
But remember your promises
1. Justice for Bargadi
2. Demolishing Cable Mafia.
3. Demolishing Transport Mafia.
4. Demolishing Drug Mafia.
5. ...
6. ...
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क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू के सामने अब पार्टी को एकजुट करने और पुराने नेताओं और दिग्गजों का विश्वास जीतने के अलावा पार्टी में एकजुटता लाने की चुनौती है। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री सिंह ने सोनिया गांधी से कहा था कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि वह हाल के दिनों में उनके ऊपर किये गए अपने हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करने का आह्वान किया जा रहा है, नहीं तो आप तथा अकाली दल-बसपा गठबंधन इसे पछाड़ सकते हैं। पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों को बधाई दी। उन्होंने पंजाब में नई टीम को मंजूरी देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का आभार व्यक्त किया।
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