संवैधानिक ढांचे के विरुद्ध है एक राष्ट्र, एक चुनाव का जुमला: कांग्रेस

Simultaneous polls against democracy, says Congress
[email protected] । Jul 11 2018 8:33AM

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ''एक राष्ट्र, एक चुनाव'' के प्रस्ताव को ''संवैधानिक ढांचे के विरुद्ध'' करार दिया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने इस ‘जुमले’ से लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रही है।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव को 'संवैधानिक ढांचे के विरुद्ध' करार दिया और आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने इस ‘जुमले’ से लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर उसने विधि आयोग का रुख नहीं किया क्योंकि उसका रुख सर्वविदित है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, 'एक राष्ट्र एक चुनाव में कोई दम नहीं है। यह सिर्फ जुमला है। इसका मकसद लोगों को बरगलाना और मूर्ख बनाना है।'

उन्होंने कहा, 'एक साथ चुनाव की बात सुनने में अच्छी लगती है। लेकिन क्या यह संवैधानिक ढांचे को बरकरार रखते हुए व्यवहारिक रूप से संभव है।' सिंघवी ने दावा किया, 'इस विचार के पीछे इरादा अच्छा नहीं है। यह प्रस्ताव लोकतंत्र की बुनियाद पर कुठाराघात हैं। यह जनता की इच्छा के विरुद्ध है। इसके पीछे अधिनायकवादी रवैया है।' 

उन्होंने सवाल किया, 'क्या यह हमारे संघीय ढांचे का आदर करता है? क्या मतदाता के वोट के अधिकार का आदर करता है? क्या यह अविश्वास प्रस्ताव की व्यवस्था का आदर करता है? क्या किसी राज्य में सरकार जाने की स्थिति में लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन रहेगा? हमारे विवेकशील संविधान निर्माताओं ने एक साथ चुनाव को अनिवार्य और बाध्यकारी क्यों नहीं बनाया?'

सिंघवी ने कहा कि खर्च को लेकर कुछ लोग 'घड़ियाली आंसू ' बहा रहे हैं जिनके चुनाव पर खर्च के बारे में सबको पता है। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने अपने इस रुख से विधि आयोग को अवगत कराया है तो उन्होंने कहा, ‘हमने पहले चुनाव आयोग के समक्ष अपनी रुख प्रकट किया था। यह बात सही है कि हम विधि आयोग के पास नहीं गए। हमारा रुख सर्वविदित है, ऐसे में वहां जाने का कोई औचित्य नहीं है।’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की कई मौकों पर वकालत कर चुके हैं।

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