सिसौदिया ने विधानसभा में दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे का मुद्दा उठाया
विधानसभा में दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे का मुद्दा उठाते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने आज आप सरकार की उन परियोजनाओं और प्रस्तावों का जिक्र किया जो केन्द्र तथा उपराज्यपाल के ‘‘हस्तक्षेप’’ के कारण फंसे हुए हैं।
नयी दिल्ली। विधानसभा में दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे का मुद्दा उठाते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने आज आप सरकार की उन परियोजनाओं और प्रस्तावों का जिक्र किया जो केन्द्र तथा उपराज्यपाल के ‘‘हस्तक्षेप’’ के कारण फंसे हुए हैं। इनमें जनलोकपाल और स्वराज जैसे मुद्दे शामिल हैं। दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग वाला सरकारी प्रस्ताव पेश करते हुए सिसौदिया ने कहा कि व्यवस्था में ‘‘खामी’’ हैं जिसके कारण निर्वाचित सरकार के पास शक्तियां नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आप सरकार भ्रष्टाचार रोधी ‘जनलोकपाल’, विकेन्द्रीकरण पहल के क्रियान्वयन ‘स्वराज’ और दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे चुनावी वादों को पूरा नहीं कर पाई है क्योंकि उसके पास पर्याप्त शक्तियां नहीं हैं।
सिसौदिया ने कहा, ‘‘हम भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा करते हैं... अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो लोकपाल भ्रष्ट लोगों को जेल भेज देता। अगर दिल्ली को (पूर्ण) राज्य बनाया जाता है तो छह महीने के अंदर इसे लोकपाल मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि इसी वजह से मोहल्ला सभा की प्रणाली को लागू नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मतदाताओं के पास गुड़गांव, फरीदाबाद के मतदाताओं की तुलना में शक्तियां नहीं हैं क्योंकि वहां सरकार खुद से फैसले कर सकती हैं। उपमुख्यमंत्री ने पिछले साल मेट्रो किराये में बढोत्तरी का भी मुद्दा उठाया और कहा कि अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो यह (किराया बढोत्तरी) संभव नहीं होता। उधर, भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि आप सरकार अपने चुनाव पूर्व वादों को पूरा करने में ‘‘नाकाम’’ रही इसलिए वह दिल्ली को पूर्ण राज्य के दर्जे का मुद्दा उठा रही है।
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