SIT का दावा, लॉ छात्रा ने चिन्मयानंद से पांच करोड़ रंगदारी मांगने की बात स्वीकारी
चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि आज उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत की अर्जी जिला जज की अदालत में दी है जिस पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय हुई है।
शाहजहांपुर। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली विधि छात्रा की, उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे जाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तारी के बाद अदालत में जमानत अर्जी खारिज हो गई। वहीं चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की गयी है। सहायक अभियोजन अधिकारी लाल साहब ने फोन पर भाषा को बताया कि चिन्मयानंद से पांच करोड़ रूपये की रंगदारी मांगने वाली विधि छात्रा की जमानत अर्जी उनके अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने एसीजीएम की अदालत में लगाई थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। एसआईटी ने दावा किया है कि छात्रा ने चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये रंगदारी वसूलने का अपराध कबूल कर लिया है।
Shahjahanpur: The law student, who had accused Swami Chinmayanand for sexually harassing her, being brought to District Jail after a local court sent her to 14-day judicial custody for allegedly trying to extort money from him. pic.twitter.com/lq8xW85OrU
— ANI UP (@ANINewsUP) September 25, 2019
उधर चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि आज उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत की अर्जी जिला जज की अदालत में दी है जिस पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय हुई है। पीड़िता की गिरफ्तारी के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रेस वार्ता की, जिसमें आईपीएस भारती सिंह ने बताया कि चिन्मयानंद को धमकी भरा मैसेज मोबाइल पर भेजा गया था जिसमें उनसे पांच करोड़ रुपए की मांग की गई थी। ना देने पर उनका अश्लील वीडियो टीवी चैनल पर चलवा कर उनकी इज्जत मिट्टी में मिलाने की धमकी दी गई थी।
इसे भी पढ़ें: भाजपा ने किया साफ, चिन्मयानंद पार्टी के सदस्य नहीं
आईपीएस भारती ने बताया कि इस मामले में मुकदमा कोतवाली में दर्ज किया गया था। इसके बाद मौखिक अभिलेख तथा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्र किए गए और विवेचना की प्रगति रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय में 23 सितंबर को प्रस्तुत की गयी, जिससे न्यायालय संतुष्ट हुआ है। उन्होंने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार संजय, विक्रम तथा सचिन ने रंगदारी मांगने की बात स्वीकार की थी तथा साक्ष्य मिटाने के इरादे से मोबाइल फोन राजस्थान के दौसा में रास्ते में फेंक दिया था। तीनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि इस रंगदारी की मांग में मिस ए यानी पीड़िता की प्रमुख भूमिका है। मोबाइल फोन बरामद करने के लिए ही सचिन तथा विक्रम को अदालत से पुलिस हिरासत पर लिया गया है। उनकी पुलिस हिरासत की अवधि 95 घंटे की है।
अन्य न्यूज़