चुने गये दलित नेता पार्टियों के गुलाम: राजस्थान विस अध्यक्ष
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि आजादी के बाद भी कमजोर वर्गों को उनका हिस्सा नहीं मिला है और यहां तक कि चुने गये दलित नेता अपनी पार्टियों के लिए ‘गुलाम’ की तरह हैं।
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा है कि आजादी के बाद भी कमजोर वर्गों को उनका हिस्सा नहीं मिला है और यहां तक कि चुने गये दलित नेता अपनी राजनीतिक पार्टियों के लिए ‘गुलाम’ की तरह हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय के एक कार्यक्रम में मेघवाल ने कहा, ‘‘देश की अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को वर्षों से दबाया गया है और उनके मसले अभी भी अनसुलझे है। यहां तक कि उन्हें आजादी के बाद भी उनका वाजिब हक नहीं मिला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम राजनीतिक रूप से कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन वस्तुस्थिति यही है।’’ उन्होंने कहा कि दलितों को उनका उचित राजनीतिक हिस्सा नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी राजनीतिक हिस्सेदारी कहां है? हम लोग जो चुनकर आते हैं और अनुसूचित जाति के प्रतिनिधि के रूप में आते हैं, लेकिन हम लोग अपनी राजनीतिक पार्टियों के गुलाम हैं।’’ न्यायमूर्ति जेएस खेहर की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने देश के सामने बहुत अच्छा प्रश्न खड़ा किया है कि राजनीतिक पार्टियों को घोषणा पत्र लागू करने की प्राथमिकता को लागू किया जाये।’’
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