सोली सोराबजी के निधन पर राष्ट्रपति कोविंद, पीएम मोदी ने जताया दुख

Soli Sorabjee

राष्ट्रपति कोविंद ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सोली सोराबजी के निधन से हमने भारत की विधि-न्याय व्यवस्था की महत्वपूर्ण शख्सियत खो दी। वह उन चुनिंदा लोगों में थे, जिन्होंने संवैधानिक कानून और न्याय प्रणाली के विकास को गहराई से प्रभावित किया।

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रख्यात न्यायविद सोली जहांगीर सोराबजी के निधन पर शोक जताया है। कोविंद ने सोराबजी के निधन पर शुक्रवार को शोक प्रकट किया और कहा कि उनके जाने से देश ने विधि-न्याय व्यवस्था से जुड़ी एक बड़ी शख्सियत खो दी। सोराबजी का दिल्ली के एक अस्पताल में शुक्रवार सुबह निधन हो गया। वह कोविड-19 संक्रमण का इलाज करा रहे थे। सोराबजी की उम्र 91 साल थी। राष्ट्रपति कोविंद ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सोली सोराबजी के निधन से हमने भारत की विधि-न्याय व्यवस्था की महत्वपूर्ण शख्सियत खो दी। वह उन चुनिंदा लोगों में थे, जिन्होंने संवैधानिक कानून और न्याय प्रणाली के विकास को गहराई से प्रभावित किया। पद्म विभूषण से सम्मानित सोराबजी सबसे प्रख्यात न्यायविदों में से एक थे। उनके परिवार और सहयोगियों के प्रति मेरी संवेदना।’’ मोदी ने सोराबजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह उत्कृष्ट वकील थे और कानून के जरिए गरीबों एवं वंचितों की मदद करने के लिए आगे रहते थे। सोराबाजी का कोविड-19 के कारण यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 91 साल के थे। वह 1989-90 और 1998-2004 तक भारत के अटॉर्नी जनरल रहे।

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मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘श्री सोली सोराबजी उत्कृष्ट वकील और विद्वान थे। वह कानून के जरिए गरीबों और वंचितों की मदद करने में आगे रहते थे। उन्हें भारत के अटॉर्नी जनरल के तौर पर उल्लेखनीय कार्यकाल के लिए याद रखा जाएगा। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।’’ उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत के पूर्व अटॉनी जनरल सोली सोराबजी के निधन पर शोक जताया और कहा कि वह ‘‘कानूनी विद्वान’’ के निधन से बहुत दुखी हैं। उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘कानूनविद और पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के निधन से बहुत दुखी हूं। वह मानवाधिकारों के पैरोकार थे और उन्होंने अपने काम से भारत को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई।’’ कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोराबजी के परिवार के प्रति संवेदनाएं जताई। उन्होंने कहा कि सोराबजी का निधन ‘‘भारत के कानूनी और न्यायिक इतिहास में एक युग की समाप्ति है।’’ प्रसाद ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट कू पर कहा, ‘‘सोली सोराबजी ने 1975 के आपातकाल के दौरान नागरिकों की आजादी के लिए अपनी लड़ाई में ऊंचाइयों को छुआ।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘उनका यह कहना कि ‘रवि, तुम कैसे हो?’, मुझे हमेशा याद रहेगा।’’ राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी सोराबजी के निधन पर शोक जताया।

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कानूनविद को श्रद्धांजलि देते हुए पवार ने कहा कि उनका लंबा करियर संविधान की भावना की ओर प्रतिबद्धता का उदाहरण है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व अटॉर्नी जनरल पद्म विभूषण श्री सोली सोराबजी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। वरिष्ठ अधिवक्ता के तौर पर उनका लंबा करियर भारत के संविधान की भावना और संप्रभुत्ता की ओर प्रतिबद्धता का उदाहरण है। उनके परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी संवदेनाएं हैं।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सोराबजी के निधन पर शोक जताया। सोराबजी के परिवार एवं सहकर्मियों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए बनर्जी ने प्रख्यात न्यायविद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत के सबसे प्रतिष्ठित न्यायविदों में से एक और पूर्व अटॉर्नी जनरल, पद्म विभूषण सोली सोराबजी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों की रखा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके परिवार और सहकर्मियों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।

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