लोस चुनाव में SP का साथ न मिला होता तो खत्म हो जाता BSP का वजूद: सपा महासचिव

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विद्यार्थी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा को समर्थन ही नहीं दिया बल्कि खुद को समर्पित कर दिया था। मायावती इस समर्पण को भूल समझ बैठी हैं। मालूम हो कि आपसी गठबंधन को फिलहाल होल्ड पर रखने के बसपा प्रमुख मायावती के ऐलान के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को अपनी राहें अलग करने के संकेत देते हुए कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी।

बलिया। सपा के साथ गठबंधन लगभग खत्म होने के बीच सपा के राष्ट्रीय महासचिव रमाशंकर विद्यार्थी ने मंगलवार को कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का साथ ना मिला होता तो बसपा का वजूद खत्म हो गया होता। विद्यार्थी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में बसपा से गठबंधन टूटने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा का साथ नहीं मिला होता तो बसपा का वजूद खत्म हो गया होता। उन्होंने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती  उल्टा चोर कोतवाल को डांटे  वाली कहावत को चरितार्थ कर रही हैं। वास्तविकता यह है कि सपा के मतदाताओं ने हर सीट पर महागठबंधन की विजय के लिये जीतोड़ कोशिश की। जिस दल और कार्यकर्ताओं के समर्थन की बदौलत मायावती अपने दल का अस्तित्व बचाने में सफल हुई हों, उन पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। 

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विद्यार्थी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा को समर्थन ही नहीं दिया बल्कि खुद को समर्पित कर दिया था। मायावती इस समर्पण को भूल समझ बैठी हैं। मालूम हो कि आपसी गठबंधन को फिलहाल  होल्ड  पर रखने के बसपा प्रमुख मायावती के ऐलान के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को अपनी राहें अलग करने के संकेत देते हुए कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी।

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अखिलेश ने गाजीपुर के करंडा स्थित सलारपुर में पिछले दिनों मारे गए सपा कार्यकर्ता विजय यादव के घर शोक संवेदना व्यक्त करने के बाद संवाददाताओं से कहा  अगर गठबंधन टूटा है, या गठबंधन के बारे में जो बात रखी गयी है, ... तो मैं उन पर बहुत सोच समझकर विचार करूंगा। अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत है। 

 

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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