कोरेगांव-भीमा मामले में सुनवाई के दौरान वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक

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[email protected] । Sep 18 2018 8:40AM

उच्चतम न्यायालय में कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को वरिष्ठ वकील राजीव धवन और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान सोमवार को वरिष्ठ वकील राजीव धवन और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बीच तीखी नोकझोंक हुई। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ के समक्ष इतिहासकार रोमिला थापर द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के अंत में धवन ने विधि अधिकारी द्वारा पेश की जा रही बाधाओं का जिक्र किया।

धवन ने कहा, ‘मेहता को स्थानीय क्रिकेट मैचों में एक कमेंटेटर होना चाहिए। हर चीज को एक मूर्खतापूर्ण नाटक में परिवर्तित मत करो। उन्होंने एक और अन्य महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई के दौरान मेरे साथ ऐसा किया। आइए इन बाधाओं के बिना सुनवाई करें।’ विधि अधिकारी ने गुस्से से जवाब देते हुए कहा, ‘मैं उनके स्तर पर उतरना नहीं चाहता हूं। इस सड़क छाप भाषा का इस्तेमाल न्यायाधीशों के लिए भी किया गया है।’

हिंसा मामले में शिकायतकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, ‘दलीलें इस मामले तक ही सीमित होनी चाहिए। मैं इस अदालत से दूसरी बार अनुरोध कर रहा हूं।’ पीठ ने थापर और अन्य की याचिका पर अंतिम सुनवाई की तिथि 19 सितम्बर तय की।

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