राज्यसभा में अब 22 भाषाओं में दे सकते हैं भाषण, वेंकैया नायडू ने की घोषणा

speak in 22 Indian languages in rs
[email protected] । Jul 18 2018 4:29PM

राज्यसभा के सदस्य अब उच्च सदन में 22 भारतीय भाषाओं में अपनी बात रख सकेंगे। पहले यह सुविधा 17 भाषाओं में थी और इसमें पांच नयी भाषाओं को शामिल किया गया है।

नयी दिल्ली। राज्यसभा के सदस्य अब उच्च सदन में 22 भारतीय भाषाओं में अपनी बात रख सकेंगे। पहले यह सुविधा 17 भाषाओं में थी और इसमें पांच नयी भाषाओं को शामिल किया गया है। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आज राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सदस्य अब डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी, संथाली और सिंधी भाषाओं में भी अपनी बात रख सकेंगे।

उन्होंने कहा कि दूसरी भाषा में अपनी बात कहना आसान नहीं होता। नायडू ने हालांकि कहा कि इसके लिए वक्ताओं को पहले ही नोटिस देना होगा। उन्होंने कहा कि शुरू में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है और अनुवादकों को वक्ता के बोलने की गति से सामंजस्य स्थापित करने में कुछ समय लग सकता है। राज्यसभा में पहले 17 भाषाओं के लिए अनुवाद की व्यवस्था थी।

भाजपा के सुब्रमण्यम स्वामी ने इस कदम का स्वागत किया और संस्कृत के अधिकतम शब्दों का कोष बनाने का सुझाव दिया। नायडू ने घोषणा की कि राज्यसभा ने रवांडा के उच्च सदन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका मकसद अंतर-संसदीय संपर्क को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि 66 साल में पहली बार राज्यसभा ने ऐसा कोई समझौता किया है। इससे पहले लोकसभा ही ऐसे समझौते करती थी।

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