नौ महीने बाद भक्तों के लिए खुला भगवान जगन्नाथ मंदिर, राज्यपाल को बाहर से ही करने पड़े दर्शन
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल को ‘‘पतीतपावन’’(मंदिर के बाहर से भगवान जगन्नाथ की सांकेतिक मूर्ति देखकर) के दर्शन कर अपने परिवार के सदस्यों एवं कर्मियों के साथ राजधानी लौटना पड़ा क्योंकि उन सभी के पास जरूरी कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी।
भुवनेश्वर। कोरोना वायरस महामारी के चलते नौ महीने तक बंद रहने के बाद पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर रविवार को खुला और राज्यपाल गणेशी लाल ने बाहर से देवी-देवताओं के दर्शन किये क्योंकि उनके पास प्रवेश के लिए जरूरी कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी। राज्यपाल के साथ गये एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल को ‘‘पतीतपावन’’(मंदिर के बाहर से भगवान जगन्नाथ की सांकेतिक मूर्ति देखकर) के दर्शन कर अपने परिवार के सदस्यों एवं कर्मियों के साथ राजधानी लौटना पड़ा क्योंकि उन सभी के पास जरूरी कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी।
इसे भी पढ़ें: श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 2000 महिलाएं मध्य भारत प्रांत में पूर्णकालिक भूमिका में रहेंगी
एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल के प्रवेश पर कोई रोक नहीं थी लेकिन लाल को जब यह पता चला कि मंदिर में प्रवेश से पूर्व श्रद्धालुओं को कोविड-19 निगेटिव रिपेार्ट सौंपनी होती है तो उन्होंने स्वयं ही अंदर जाने से मना कर दिया। वैसे उनके पहुंचने पर श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन एवं पुरी जिला प्रशासन ने स्वागत किया। राज्यपाल ने कहा, ‘‘ मैं यहां भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने आया। हमने ओड़िशा के लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की और ईश्वर से 2021 के लिए आशीर्वाद मांगा।’’
इसे भी पढ़ें: मंदिरों से पाकिस्तान को क्यों लगता है डर? कट्टरपंथियों का प्रहार, एक्शन में सुप्रीम कोर्ट
बारहवीं सदी के इस मंदिर को 23 दिसंबर से चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है। सेवायत और उनके परिवारों को 23-25 दिसंबर के दौरान मंदिर में प्रवेश करने दिया गया। उसके बार पुरी के स्थानीय लोगों को 26 से 31 दिसंबर तक जाने दिया गया। मंदिर एक और दो जनवरी को बंद रहा और फिर रविवार को सभी श्रद्धालुओं के लिए उसे खोल दिया गया।
अन्य न्यूज़