स्थिर संचार उपग्रह जीसैट- 7 ए श्री हरिकोटा से हुआ रवाना, अपनी कक्षा में प्रवेश

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[email protected] । Dec 19 2018 5:45PM

इस उपग्रह का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है। इसका वजन 2,250 किग्रा है। यह आठ साल तक सेवा देगा। यह भारतीय क्षेत्र में केयू बैंड में संचार सेवाएं मुहैया करेगा।

 श्रीहरिकोटा(आंध्र प्रदेश)। इसरो के भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान जीएसएलवी - एफ 11 बुधवार को देश के भूस्थिर संचार उपग्रह जीसैट - 7 ए को लेकर यहां से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ और उसे उसकी कक्षा में प्रवेश करा दिया गया है। यह उपग्रह वायु सेना की संचार प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाएगा। जीसैट 7 - ए के लिए 26 घंटों की उलटी गिनती मंगलवार दोपहर दो बज कर 10 मिनट पर शुरू हुई और रॉकेट यहां से करीब 100 किमी दूर स्थित श्रीहरिकोटा के उपग्रह प्रक्षेपण स्थल से शाम चार बज कर 10 मिनट पर रवाना हुआ।

इस उपग्रह का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है। इसका वजन 2,250 किग्रा है। यह आठ साल तक सेवा देगा। यह भारतीय क्षेत्र में केयू बैंड में संचार सेवाएं मुहैया करेगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि जीएसएलवी - एफ 11 चौथी पीढ़ी का प्रक्षेपणयान है। यह यान तीन चरणों वाला है।

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रॉकेट के प्रथम हिस्से में एक मोटर और ठोस ईंधन है, जबकि दूसरे हिस्से में तरल ईंधन और उच्च क्षमता वाला इंजन है। वहीं, इसके तीसरे एवं ऊपरी हिस्से में क्रायोजेनिक इंजन है। यह श्रीहरिकोटा से 2018 का सातवां प्रक्षेपण है और इसरो के लिए जीएसएलवी- एफ 11 का 69 वां मिशन है।

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