सितारे जो दिल्ली के सहारे राजनीति के आसमान पर भी खूब चमके

stars-shine-even-on-the-sky-of-politics-in-delhi
अभिनय आकाश । Apr 2 2019 1:30PM

दिल वालों की दिल्ली कहे जाने वाले केंद्र शासित प्रदेश से उपलब्धियों के आसमान छूने वाले कई नामचीन सितारों ने भी सियासत की जमीन तलाशने के लिए दिल्ली को ही चुना। जिसमें कई सितारों को तो सफलता हासिल हुई लेकिन कुछ को पराजय का स्वाद भी चखना पड़ा।

राजनीति और फिल्मी सितारों के बीच का कनेक्शन हमेशा काफी गहरा रहा है। यूं तो तमाम राजनीतिक दल चुनाव रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए बड़ी हस्तियों को 'स्टार प्रचारक' बनाते रहे हैं। वहीं कई स्टार राजनीतिक पार्टी से जुड़कर चुनावों में भी किस्मत आजमाते रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली जहां अटल-आडवाणी से लेकर कई राजनीतिक पुरोधा चुनावी रण में उतरते रहे हैं। दिल वालों की दिल्ली कहे जाने वाले केंद्र शासित प्रदेश से उपलब्धियों के आसमान छूने वाले कई नामचीन सितारों ने भी सियासत की जमीन तलाशने के लिए दिल्ली को ही चुना। जिसमें कई सितारों को तो सफलता हासिल हुई लेकिन कुछ को पराजय का स्वाद भी चखना पड़ा। कुछ दिलचस्प सियासी किस्से के बारे आईए जानते हैं।

भोजपुरी सुपरस्टार ने दिल्ली में जमाई धाक

भोजपुरी फिल्मों पनी चमक बिखेर चुके मनोज तिवारी वर्तमान में दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद हैं। अन्ना आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मनोज तिवारी ने समाजवादी पार्टी में शामिल होकर राजनीति में हाथ आजमाया था और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन वहां उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा था। बाद में भाजपा में शामिल होकर 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ा। साल 2014 के लोकसभा के चुनाव में मनोज तिवारी को 5 लाख 96 हजार 125 वोट मिले थे। वहीं आम आदमी पार्टी के प्रो. आनंद कुमार को 4 लाख 52 हजार 41 वोट प्राप्त हुए थे। कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल 2 लाख 14 हजार 792 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इस तरह से भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार ने कांग्रेस की सीट भाजपा के खाते में डाल दी। बाद में साल 2016 में उन्हें दिल्ली भाजपा का अध्यक्ष बना दिया। 

इसे भी पढ़ें: केजरीवाल बोले, AAP के साथ गठबंधन करने से राहुल ने किया इनकार

राजेश खन्ना की वजह से आडवाणी को लड़ना पड़ा था दो जगह से चुनाव

हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार राजेश खन्ना को कांग्रेस ने 1991 में नई दिल्ली से उम्मीदवार बनाया था। जहां उनके सामने भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी थे। राजेश खन्ना ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को चुनावी अखाड़े में जबरदस्त चुनौती दी थी। राजेश खन्ना से मिली इस चुनौती के बाद कहा जाता था कि लालकृष्ण आडवाणी को दिल्ली छोड़कर गुजरात जाना पड़ा था। हालांकि लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के गांधीनगर और दिल्ली दोनों सीटों से चुनाव जीत गए थे। लेकिन नई दिल्ली सीट पर आडवाणी ने बेहद ही कम मार्जन से जीत हासिल की थी। नई दिल्ली सीट पर लालकृष्ण आडवाणी को 93,662 मिले थे, जबकि हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार राजेश खन्ना को  92,073 मिले थे। 

शत्रुघ्न और राजेश खन्ना के बीच हुई थी टक्कर

1991 के चुनाव में दो जगहों से जीतने के बाद आडवाणी ने दिल्ली की सीट से इस्तीफा दे दिया। जून 1992 में इस सीट पर उपचुनाव होना था। आडवाणी के कहने पर भाजपा ने इस सीट से शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट दिया तो वहीं कांग्रेस ने सुपर स्टार राजेश खन्ना को मैदान में उतारा। दोनों सितारों के चुनाव मैदान में उतरने से पूरी दिल्ली सिनेमाई हो गई थी। दोनों ही सितारों के ‘खामोश’ और ‘आई हेट टीयर पुष्पा’ जैसे फिल्मी डॉयलॉग दिल्ली में गूंज रहे थे। लेकिन यह मुकाबला राजेश खन्ना ने उस चुनाव को 25 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत लिया। राजेश खन्ना को इस चुनाव में 52.51 प्रतिशत के साथ 101,625 वोट मिले थे। जबकि शत्रुघ्न सिन्हा को सिर्फ 37.91 प्रतिशत के साथ 73369 वोट ही पड़े थे। 

इसे भी पढ़ें: JNU राजद्रोह मामले में अदालत ने डीसीपी के पेश नहीं होने पर दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार

स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के दिग्गज को दी थी चुनौती

चर्चित सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहू थी में तुलसी के किरदार से घर-घर में पहचान बनाने वाली स्मृति ईरानी को भाजपा ने 2009 के लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि स्मृति ये चुनाव हार जाती हैं लेकिन फिर भी राजनीति में वो उतनी ही प्रखरता से आगे बढ़ती हैं। बाद में 2014 में भाजपा ने स्मृति ईरानी पर भरोसा जताते हुए अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतारा था जहां एक बार फिर उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन राहुल को उन्होंने इस चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी। 2019 में भी भाजपा ने स्मृति पर भरोसा जताते हुए राहुल के खिलाफ उन्हें एक बार फिर मौका दिया है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़