जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बारे में निर्णय चुनाव आयोग का विशेषाधिकार: जितेंद्र सिंह
प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘‘चुनाव आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकार है जो परिसीमन आयोग की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद जम्मू कश्मीर में (विधानसभा) चुनावों के समय पर फैसला करेगा।’’
जम्मू| केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का फैसला चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है।
सिंह ने साथ ही यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में युवाओं के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर बनाये हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि जम्मू-कश्मीर में युवाओं को अतीत की संवैधानिक बाधाओं (अब निरस्त हो गए अनुच्छेद 370) के कारण इसके लाभ नहीं मिल पाए।
प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘‘चुनाव आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकार है जो परिसीमन आयोग की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद जम्मू कश्मीर में (विधानसभा) चुनावों के समय पर फैसला करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के एक कार्यकर्ता के रूप में, हम पंचायत, डीडीसी, बीडीसी, विधानसभा और लोकसभा (चुनाव) में हिस्सा लेने के लिए चौबीसों घंटे तैयार रहते हैं।’’मंत्री अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जम्मू में चल रहे काम की समीक्षा के बाद सांबा जिले के विजयपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान में जोड़ने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं है, जिन्होंने पहले ही परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा चुनाव कराने और उचित समय पर राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। रोजगार को लेकर सिंह ने कहा कि युवाओं के लिए आजीविका के कई वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात जैसे राज्यों में युवाओं का रुझान सरकारी नौकरियों की ओर नहीं है क्योंकि उनके दिमाग में अन्य चीजें हैं जो उन्हें वेतनभोगी सरकारी नौकरियों से बेहतर कमाने में मदद करती हैं। सिंह ने कहा, ‘‘सरकार जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए ऐसे अवसर बना रही है।
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