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दिल्ली पुलिस कमिश्नर का बड़ा बयान, हिंसा में शामिल थे किसान नेता, किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा
- अंकित सिंह
- जनवरी 27, 2021 20:20
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दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि हमें 2 जनवरी को ज्ञात हुआ था कि 26 को ट्रैक्टर रैली निकाला जाएगा। हमने किसानों से कुंडली, मानेसर, पलवल मार्ग पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का आग्रह भी किया था। लेकिन किसान दिल्ली में ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अडिग रहें।
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड में जिस तरीके से उत्पाद और हिंसा हुई उसके बाद से लगातार पुलिस की आलोचना हो रही है। यह बात बार-बार कही जा रही है कि जब पुलिस को पहले से ही इस तरीके की खबर थी, फिर चूक कहां हुई जिससे कि हिंसा की नौबत आई। इसको लेकर आज दिल्ली पुलिस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया। दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि हमें 2 जनवरी को ज्ञात हुआ था कि 26 को ट्रैक्टर रैली निकाला जाएगा। हमने किसानों से कुंडली, मानेसर, पलवल मार्ग पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का आग्रह भी किया था। लेकिन किसान दिल्ली में ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अडिग रहें।
श्रीवास्तव ने आगे कहा कि दिल्ली के लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने ट्रैक्टर परेड के लिए कुछ नियम और शर्ते बनाई। हमें किसानों को लिखित रूप में दिया कि रैली दोपहर 12:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ही हो सकेगा इसका नेतृत्व किसान नेताओं को करना था। पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा कि हमने लिखित में दिया था कि 5000 से अधिक ट्रैक्टर रैली में शामिल नहीं हो सकते और उनके पास कोई हथियार भी नहीं होने चाहिए। परेड शांतिपूर्वक हो सके इसके लिए हमने कई बार किसान संगठनों से बातचीत भी की। लेकिन 25 जनवरी को यह बात पता चली कि अब किसान नेता अपनी बात नहीं रख रहे हैं। उन्होंने उग्रवादी तत्वों को सामने किया जो कि भड़काऊ भाषण देने के इरादे से आए थे। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में 394 पुलिसकर्मियों को चोटें लगी है। कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू वार्ड में भी भर्ती हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दिल्ली हिंसा में किसान नेता भी शामिल है।394 police personnel sustained injuries in the violence (during the tractor rally on Jan 26) and several of them are still admitted to hospitals. Some of them are admitted to ICU wards: Delhi Police Commissioner SN Shrivastava pic.twitter.com/QkXgvIvD3a
— ANI (@ANI) January 27, 2021
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दिल्ली पुलिस ने बुधवार को आरोप लगाया कि मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान किसान नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए और हिंसा में भी शामिल रहे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि इन घटनाओं में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए। संवाददाता सम्मेलन के दौरान दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने कहा कि किसान यूनियनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया, परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा शर्तों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने अत्यंत संयम बरता और कोई जनहानि नहीं हुई है।
श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक 25 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों का पता लगाने वाले वाली प्रणाली, सीसीटीवी कैमरों और अन्य वीडियो फुटेज की सहायता से आरोपियों की पहचान का प्रयास कर रहे हैं। जिनकी पहचान होगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ पूर्व नेताओं जैसे सतनाम सिंह पन्नू और दर्शन पाल ने भड़काऊ भाषण दिए। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक तोड़े। उन्होंने कहा कि 25 जनवरी की शाम तय यह स्पष्ट हो गया था कि वे (प्रदर्शनकारी) अपना वादा नहीं निभाएंगे। वे आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लेकर आए जिन्होंने मंच पर चढ़कर भड़काऊ भाषण दिए। श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं जबकि पुलिस के 30 वाहनों को नुकसान पहुंचा है।#WATCH | As per the agreement, we wanted the rally to conclude peacefully. The violence occurred because terms & conditions were not followed. Farmer leaders were involved in the violence: Delhi Police Commissioner SN Shrivastava pic.twitter.com/rusCKk8DBR
— ANI (@ANI) January 27, 2021
15 मार्च तक हो सकता है RLSP का JDU में विलय ! बागियों ने बढ़ाई कुशवाहा की मुश्किलें
- अंकित सिंह
- मार्च 9, 2021 09:31
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रालोसपा का एक धड़ा जहां जदयू के साथ विलायक पर तैयार है, वही पार्टी के महासचिव विनय कुशवाहा अपने 40 समर्थकों के साथ रालोसपा से त्यागपत्र दे दिया है। बावजूद इसके रालोसपा का एक बड़ा तबका जदयू के साथ विलय को तैयार है। बागियों ने दावा किया कि नीतीश कुमार के साथ उपेंद्र कुशवाहा गलबहिया कर रहे हैं।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के विलय की चर्चा से बिहार की सियासत गरमाई हुई है। बड़ी खबर अब यह आ रही है कि 15 मार्च के आसपास रालोसपा का जदयू में विलय हो जाएगा। हाल ही में जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के मुलाकात आईजीआईएमएस में हुई थी। दोनों ही भले ही वहां वैक्सीन लगवाने पहुंचे थे लेकिन इसके सियासी मायने निकाले जा रहे है। दो-तीन दिनों के भीतर रालोसपा की बैठक होनी है जिसमें यह तय होगा कि जदयू के साथ विलय करना है या नहीं करना है। रालोसपा का एक धड़ा जहां जदयू के साथ विलायक पर तैयार है, वही पार्टी के महासचिव विनय कुशवाहा अपने 40 समर्थकों के साथ रालोसपा से त्यागपत्र दे दिया है। बावजूद इसके रालोसपा का एक बड़ा तबका जदयू के साथ विलय को तैयार है। बागियों ने दावा किया कि नीतीश कुमार के साथ उपेंद्र कुशवाहा गलबहिया कर रहे हैं।
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इन सबके बीच माना जा रहा है कि इसको लेकर उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इतना ही नही, उपेंद्र कुशवाहा और वशिष्ठ नारायण सिंह के बीच भी लगातार बैठक हो रही है। उपेंद्र कुशवाहा को जदयू में लाने का काम सबसे ज्यादा सक्रिय होकर वशिष्ठ नारायण सिंह ही कर रहे हैं। दोनों दलों की ओर से यह कहा जा रहा है कि अगर कोई फैसला होता है उसका निर्णय या तो नीतीश कुमार करेंगे या फिर उपेंद्र कुशवाहा करेंगे। जदयू में रालोसपा के विलय होने के बाद माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। बिहार मंत्रिमंडल विस्तार से पहले भी उपेंद्र कुशवाहा के सरकार में शामिल होने की चर्चा थी लेकिन जदयू ने उनके सामने यह शर्त रखी थी कि रालोसपा का विलय वह पार्टी में कर ले। उस समय उपेंद्र कुशवाहा इसके लिए तैयार नहीं हुए थे।
रालोसपा में भी इस बात को लेकर खींचतान जारी थी। उस समय भी यह कहा जा रहा था कि उपेंद्र कुशवाहा सही समय का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि यह बात स्पष्ट होने लगी थी कि उपेंद्र कुशवाहा और उनकी पार्टी का बड़ा तबका जदयू में विलय को तैयार है। उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार की जोड़ी बिहार में लव-कुश की जोड़ी के नाम से मशहूर है। एक कुर्मी समुदाय से आते हैं तो दूसरे कुशवाहा समुदाय से। इस ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए नीतीश उपेंद्र कुशवाहा के साथ नया समीकरण बना रहे हैं। हालांकि ये दोनों नेता कभी साथ रहे हैं तो कभी बिछड़े हैं। कभी दोनों में दोस्ती रही है तो कभी टकराव भी देखने को मिली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने राजग में अपनी वापसी की अटकलों के बारे में कुछ भी स्पष्ट करने से इंकार करते हुए बुधवार को कहा कि अगले सप्ताह पार्टी की बैठक में भविष्य की रणनीति की घोषणा की जाएगी।
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रालोसपा प्रमुख ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी बैठकों पर पूछे गए सवालों को टाल दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि आप मुझे रोक (मुख्यमंत्री से मिलने से) नहीं सकते हैं। गौरतलब है कि कुशवाह करीब एक दशक पहले कुमार की पार्टी जदयू से अलग हो गए थे। कुशवाहा के जदयू में वापसी के बारे में नीतीश ने कहा कि देखिए, समय का इंतजार कीजिए। पार्टी का नौवां स्थापना दिवस मनाने के बाद पत्रकारों से कुशवाहा ने कहा पार्टी की अगली बैठक में भविष्य की रूप रेखा तैयार की जाएगी। रालोसपा के जदयू में विलय के बारे में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि खबर लिखने और दिखाने वाले आप ही हैं। ऐसे में इस बात पर क्या जवाब दूं। राजग में वापसी को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह के के बयान में रालोसपा प्रमुख ने कहा कि वह वरिष्ठ नेता हैं। मैं उनपर टिप्पणी नहीं कर सकता। मैं केवल वही कह सकता हूं जो मैंने अतीत में खुद कहा है।
विजयन ने भाजपा पर किया पलटवार, अमित शाह को बताया सांप्रदायिकता का मूर्त रूप
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 9, 2021 09:01
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विजयन ने 2002 के गुजरात दंगों को ‘नरसंहार’ बताया और शाह के बेटे एवं बीसीसीआई सचिव जय शाह पर भी निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि भाजपा के केंद्र की सत्ता में आने के बाद तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से सोने की तस्करी की घटनाओं में कैसे बढ़ोतरी हो रही है? जबकि यह हवाई अड्डा केंद्र सरकार के तहत आता है।
धर्मादम (केरल)। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘सांप्रदायिकता का मूर्त रूप’ बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा नेता कथित ‘अपहरण और फर्जी मुठभेड़’ के अपराध में जेल गए थे। विजयन ने सोहराबुद्दीन शेख मामले का संदर्भ देते हुए यह कहा। गौरतलब है कि एक दिन पहले शाह ने एक रैली में सोना और डॉलर तस्करी के मामले में विजयन से कुछ सवाल किये थे। इस पर वाम दल के नेता ने केंद्रीय मंत्री पर पलटवार करते हुए उनसे सवाल किया, “फर्जी मुठभेड़ और अपहरण” के मामले के आरोप पत्र में किसका नाम था ?’’ विजयन ने आरोप लगाया, “ अमित शाह सांप्रदायिकता के मूर्त रूप हैं। वह सांप्रदायिकता को बढ़ाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। भले ही वह मंत्री बन गए हों, लेकिन उनमें बहुत बदलाव नहीं आया है। सांप्रदायिकता का प्रचार करने वाले आरएसएस के नेता यहां हमें धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाने आए हैं।”
केरल के मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा, ‘‘उन्होंने (शाह ने) कल मुझसे कुछ सवाल किये थे। मैं उन्हें याद दिलाना चाहुंगा कि मैं वह व्यक्ति नहीं हूं, जो अपहरण के लिए जेल गया था। क्या अमित शाह को याद है कि फर्जी मुठभेड़ मामले के आरोपपत्र में किसका नाम था, जो गिरफ्तार हुआ था और जेल गया था?’’ सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और तुलसी राम प्रजापति की मौत का हवाला देते हुए विजयन ने आरोप लगाया, “ये सभी फर्जी मुठभेड़ के मामले थे। इन अपराधों के लिए किस पर आरोप लगा था? उसका नाम है अमित शाह।” उन्होंने दावा किया कि इन मामलों की सुनवाई कर रही सीबीआई अदालत के न्यायाधीश बी एच लोया की रहस्मय परिस्थितियों में मौत हुई थी। विजयन ने कन्नूर जिले के धर्मादम में एक चुनावी रैली में कहा, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कथित रूप से छेड़छाड़ की गई। न्यायाधीश का परिवार अब भी इंसाफ के इंतजार में हैं। क्या भाजपा का कोई नेता इस बारे में बात करेगा? हम सब 2013 के जासूसी मामले के बारे में जानते हैं। बाद में शिकायतकर्ता महिला ने अपना मामला वापस ले लिया था।”How did TRV - under full control of Union Govt. - become a hub of gold smuggling since BJP came to power? Haven't those caught for gold smuggling been deputed & sangh parivar folks been appointed there? Isn't an MoS playing a lead role in controlling it? @AmitShah should respond.
— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) March 8, 2021
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मुख्यमंत्री ने कहा, “ इन मामलों में कौन जेल गया था? जिस पद पर आप बैठे हैं, उसके मुताबिक काम नहीं करेंगे, तो हम आपके कथित गलत काम को सामने लाने को मजबूर हो जाएंगे।” उन्होंने कहा, “ वह व्यक्ति हत्या, अपहरण, वसूली और गैरकानूनी निगरानी कराने का आरोपी था। और एक रहस्यम मौत पर क्या वह अपने अनुभव से बोल रहे हैं?” वह सोहराबुद्दीन शेख ‘फर्जी मुठभेड़’ मामले का हवाला दे रहे थे, जिसमें शाह को जुलाई 2010 में गिरफ्तार किया गया था। शाह ने गुजरात के गृह मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया था, हालांकि दिसंबर 2014 में सीबीआई की एक अदालत ने उन्हें मामले में आरोप मुक्त कर दिया था। विजयन ने 2002 के गुजरात दंगों को ‘नरसंहार’ बताया और शाह के बेटे एवं बीसीसीआई सचिव जय शाह पर भी निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि भाजपा के केंद्र की सत्ता में आने के बाद तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से सोने की तस्करी की घटनाओं में कैसे बढ़ोतरी हो रही है? जबकि यह हवाई अड्डा केंद्र सरकार के तहत आता है।
मध्यप्रदेश में सामने आये कोरोना वायरस के 427 नए मामले, एक और व्यक्ति की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 9, 2021 08:51
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अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 2,57,560 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और 3,638 मरीज़ों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार को 394 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
भोपाल। मध्यप्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस के 427 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 2,65,070 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से एक और व्यक्ति की मौत हुई है।
राज्य में अब तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 3,872 हो गयी है। अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 2,57,560 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और 3,638 मरीज़ों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार को 394 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।नोवल कोरोना वायरस #COVID19
मीडिया बुलेटिन 8 मार्च 2021
*शाम 6 बजे तक अद्यतन*@mp_iec#LargestVaccineDrive#MPFightsCorona#JansamparkMP pic.twitter.com/XHA5a549nf— DIRECTORATE OF HEALTH SERVICES, MP (@healthminmp) March 8, 2021

