लाहौल में अब भी जारी है हालात सामान्य करने के लिए जद्दोजहद

Lahaul

उपायुक्त ने कहा कि बारिश और बाढ़ से पट्टन वैली के किसान मटर, गोभी समेत अन्य कृषि उत्पाद को समय पर बिक्री के लिए नहीं भेज पाए हैं।सड़क सुविधाएं बाधित होने के चलते उन्हें स्वाभविक तौर पर आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ा है। कृषि विभाग जल्द इसका आकलन करके अपनी रिपोर्ट प्रशासन को देगा।

शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला लहौल स्पिती में कुदरत की मार से हुई बर्बादी से अभी भी हालात सामान्य नहीं हो पा रहे हैं । खराब मौसम हालात सामान्य बनाने में बाधक बनता जा रहा है। पानी के बहाव में लापता लोग जिंदा या मुर्दा अभी तक नहीं मिल पाये हैं। खासकर लाहौल घाटी में तो स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। लोग अभी भी कई जगह फंसे हैं। आज जहलमा और शंशा नाले में वैकल्पिक सड़क निर्माण का काम शुरू हो गया है। पुल लगने तक नाला होकर अस्थाई सड़क तैयार किया जा रहा है। सीमा सडक संगठन और स्थानीय प्रशासन लोगों के साथ मिलकर इस मार्ग को बहाल करने में लगे हैं। चूंकि हेलिकाप्टर का इंतजार लंबा होता जा रहा है।

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हाल की अतिवर्षा एवं फ़्लैश फ्लड की घटनाओं के कारण कई सड़कें तथा पुल टूट गये हैं जिसे देखते हुए उपायुक्त लाहौल-स्पिति  नीरज कुमार ने लाहौल एवं उदयपुर मण्डल में स्कूलों को 9 अगस्त तक बन्द रखने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों को 2अगस्त से खोलने के आदेश दिए थे। यहां की परिस्थितियों एवं मौसम को देखते हुए अभी स्कूलों को खोलना उचित नहीं है अतः 9 अगस्त तक सभी स्कूल एवं शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे,जोकि 10 अगस्त से खुलेंगे। उन्होंने कहा कि पट्टन वैली उदयपुर क्षेत्र में कृषि विभाग करेगा फसलों के नुकसान का आकलन करेगा नुकसान के आकलन के लिए कृषि विभाग टीमों का गठन करके इस कार्य को अंजाम देगा। उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने कहा कि जिला कृषि अधिकारी को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं ताकि किसानों को राहत मिल सके।

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उपायुक्त ने कहा कि बारिश और बाढ़ से पट्टन वैली के किसान मटर, गोभी समेत अन्य कृषि उत्पाद को समय पर बिक्री के लिए नहीं भेज पाए हैं।सड़क सुविधाएं बाधित होने के चलते उन्हें स्वाभविक तौर पर आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ा है। कृषि विभाग जल्द इसका आकलन करके अपनी रिपोर्ट प्रशासन को देगा। उधर कांग्रेस नेता कुंगा बोध ओंजी ने बताया कि यहां हालात सामान्य होने में कई दिन लग सकते हैं कई नालों पर पानी के तेज बहाव से पुल टूट गये हैं। जिससे इलाके का संपर्क कट गया है उन्होंने राज्य सरकार से सेना की मदद लेने की मांग की है  उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही रास्ते नहीं खुले तो घाटी के लोगों की फसलें तबाह हो जायेंगी। फसल तैयार हो चुकी है। लेकिन हम उसे बाजार तक पहुंचा ही नहीं सकते ऐसे हालात में सबकुछ खेतों में ही सड जायेगा सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिये।  प्रदेश के छह जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला और किन्नौर के कुछ क्षेत्रों में  बाढ़ आने की चेतावनी जारी की गई है। पांच अगस्त तक प्रदेश में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है।

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