नेटवर्क की समस्या, धूप में चलती है यहां ऑनलाइन क्लास

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निधि अविनाश । Jul 16 2020 5:33PM

कोरोना महामारी के बीच स्कूली बच्चों की पढ़ाई बीच में न रूके इसके लिए सरकार ने प्राईवेट और सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लास की शुरूआत की है। लेकिन स्कूली बच्चों की ऑनलाइन क्लास के बीच नैटवर्क बहुत बड़ी समस्या बन गई है।

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। इससे सामान्य जीवन भी अस्त-व्यस्त हो गई है। देश में अनलॉक का दूसरा चराण शुरू हो गया है जिसमें दुकान से लेकर शॉपिंग मॉल तक खोले जा चुके है। लेकिन इन सब के बीच ऐसी कई तमाम चीजे है जिसको खोलने पर अभी तक पांबदी लगी हुई है। सिनेमाघरों से लेकर स्कूल तक को अभी तक खोलने की इजाजत नहीं दी गई है। इससे स्कूल के बच्चों की पढ़ाई पर भी काफी असर पड़ रहा है। बता दे कि इस कोरोना महामारी के बीच स्कूली बच्चों की पढ़ाई बीच में न रूके इसके लिए सरकार ने प्राईवेट और सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लास की शुरूआत की है। लेकिन स्कूली बच्चों की ऑनलाइन क्लास के बीच नैटवर्क बहुत बड़ी समस्या बन गई है। इंटरनेट और नेटवर्क की दिक्कतों  के कारण इन स्कूली बच्चों को अब अपने घर की छतों पर बैठ कर ऑनलाइन क्लास लेना पड़ रहा है। 

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ऐसा ही कुछ हाल नांगल राय में रह रहे स्टूडेंट इंशात कनौजिया का है। इंशात दिल्ली कैंट के सरकारी स्कूल में सातंवी क्लास में पढ़ते हैं। वह बताते है कि जब भी ऑनलाइन क्लास होती है तो उन्हें हमेशा छत पर जाना पड़ता है तकि अच्छे से नेट आएं। नेटवर्क हाल इतना बेहाल है कि छत पर जाने के बाद भी नेटवर्क नहीं आते है। इंशात के पिता राजकुमार कनौजिया ने बताया कि उनके दो बेटे है और दोनों ही सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। एक तीसरी क्लास में है तो दूसरा सांतवी क्लास में और दोनों की ही ऑनलाइन क्लास होती है। सांतवी में पढ़ रहे इंशात की क्लास 12 बजे होती है और तीसरी क्लास में पढ़ रहे छोटे बेटे की क्लास 3 बजे होती है। उन्होंने बताया कि उनके इलाके में नेटवर्क की काफी समस्या है जिसके कारण इन बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास लेना काफी मुशिकल साबित होता जा रहा है। दोपहर के वक्त बच्चों की क्लास होना और नेटवर्क न आने के कारण छत पर जाना काफी दिक्कत पैदा करती है क्योंकि उस वक्त धूप काफी तेजी होती है। ऐसे में बच्चें क्लास अटेंड नहीं कर पा रहे है। 

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वहीं मनजीत सिंह कहते है कि न ही उनके पास कम्पयूटर है और न ही स्मार्टफोन जिससे उनके दोनों बच्चें ऑनलाइन क्लास नहीं अटेंड कर पा रहे है। मनजीत के दो बेटे है, एक दूसरी क्लास में है और दूसरा सांतवी क्लास में। मनजीत बेलदारी का काम करते है। पढ़ाने का साधन न होने के कारण मनजीत के बच्चों की पढ़ाई बीच में ही रूक गई है। दूसरी और वीरेंद्र यादव जिनकी बेटी पहली क्लास में पढ़ती है वह बताते है कि उनकी बेटी प्राइवेट स्कूल में है और बच्चों का टेस्ट लिया जा रहा है लेकिन समस्या ये है कि पहली क्लास की बच्ची भला ऑनलाइन टेस्ट कैसे दे पाएगी? 

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