आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समुदाय के छात्रों ने आंदोलन वापस लिया

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[email protected] । May 21 2019 4:49PM

बाद में, जब उच्चतम न्यायलय ने भी उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा तो 253 छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया गया, इसके बाद राज्य सरकार ने अध्यादेश का रास्ता अपनाया है।

मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के सदस्यों को आरक्षण देने के लिए एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद मंगलवार को कई स्नातकोत्तर छात्रों ने विरोध वापस ले लिया। पिछले दो हफ्ते से 250 छात्र यहां आजाद मैदान में धरने पर बैठे थे । इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि मराठियों को 16 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था इस साल मेडिकल के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में लागू नहीं होगी।

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बाद में, जब उच्चतम न्यायलय ने भी उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा तो 253 छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया गया, इसके बाद राज्य सरकार ने अध्यादेश का रास्ता अपनाया है। सरकार की सिफारिश के बाद राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने छात्रों का नामांकन बरकरार रखने के लिए सोमवार को अध्यादेश पर हस्ताक्षर किया।

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इस पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए आंदोलनकारी छात्रों ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने जो पहल की है उससे वह सब संतुष्ट हैं और इसलिए आंदोलन वापस लेने का निर्णय किया गया है। पिछले साल 30 नवंबर को महाराष्ट्र विधानमंडल ने एक विधेयक पारित किया था जिसमें सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 

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