कट ऑफ और एजुकेशनल लोन पर छात्रों को जल्द मिलेगा HRD का तोहफा

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इंटरमीडिएट के बाद छात्रों को अलग-अलग कॉलेजों में दाखिले के लिए भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए एक कॉमन टेस्ट की शुरुआत हो सकती है।

विद्यार्थियों के लिए अभी तक सबसे बड़ी मुश्किल की बात होती थी कि अलग-अलग कॉलेजों के बारे में पता करना फिर उस कॉलेज से जुड़े हुए फॉर्म की तलाश कर भरना। लेकिन उनका यह सफर इतने में ही नहीं पूरा हो पाता था, उनको दाखिले के लिए भी कॉलेजों में भागदौड़ करना पड़ता था। संभवत: कई बार ऐसा करने पर कुछ विद्यार्थियों को अच्छे कॉलेज नहीं मिल पाते थे तो कई कॉलेजों के दाखिले की तारीख निकल चुकी होती थी। ऐसे में सोचिए कि आपको कहीं दौड़-भाग न करनी पड़े तो कितनी आसानी होगी। इसी दिशा की तरफ सरकार बढ़ने के बारे में विचार कर रही है।

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कॉमन टेस्ट की होगी शुरुआत

इंटरमीडिएट के बाद छात्रों को अलग-अलग कॉलेजों में दाखिले के लिए भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए एक कॉमन टेस्ट की शुरुआत हो सकती है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। साथ ही एचआरडी मंत्रालय इसके लिए एक हाई लेवल कमेटी का भी गठन करने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कॉमन टेस्ट के ड्राफ्ट को मंजूरी दी जा चुकी है।

प्रतिष्ठित समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव में कहा गया है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ये ‘कॉमन टेस्ट एग्जाम’ आयोजित कराएगी। इसी के साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) नेट और जेआरएफ की भी परीक्षा को भी आयोजित कर सकती है। हालांकि अभी इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। 

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कॉमन टेस्ट से मिलेगी विद्यार्थियों को सुविधा

विशेषज्ञों का मानना है कि कॉमन टेस्ट लागू होने के बाद बोर्ड की परीक्षा में नंबर पाने की अंधी दौड़ कम हो जाएगी। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि हाल ही में 99 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त होने के ट्रेंड पर सवाल खड़े हुए थे। इतना ही नहीं सरकार ने संसद में इस बात को कबूला भी था।

इस ट्रेंड की वजह से अच्छे कॉलेजों की कट ऑफ इतनी ज्यादा हाई हो जाती है कि कई बार काबिल छात्रों का भी उसमें दाखिला नहीं हो पाता। 

कॉमन टेस्ट से आसान होगी राह

कॉमन टेस्ट चलन में आने के बाद विद्यार्थियों के प्रदर्शन की लिस्ट जारी होगी। उसके बाद विद्यार्थी अपने मुताबिक कॉलेज प्रिफरेंस भर सकेंगे। तत्पश्चात कॉलेज काउंसिलिंग के आधार पर छात्रों को एडमिशन देगी। 

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एजुकेशनल लोन पर भी विचार कर रही सरकार

इसके साथ ही आईआईटी दिल्ली द्वारा सुझाए गए एक प्रस्ताव को भी एचआरडी मिनस्ट्री ने मान लिया है। सूत्रों के मुताबिक एचआरडी मिनिस्ट्री एजुकेशनल लोन लेने वालों विद्यार्थियों को बड़ी राहत दे सकती है। सरकार चाहती है कि अब किश्त चुकाने की अवधि में बदलाव किया जाए। इसके बारे में जल्द ही सरकार औपचारिक घोषणा भी कर सकती है। सरकार का मानना है कि लोन लेने वाले विद्यार्थियों को किश्त चुकाने के लिए अधिक समय मिलना चाहिए। इसलिए आईआईटी दिल्ली के एक प्रस्ताव पर विचार किया गया जिसके मुताबिक छात्रों को जैसे ही नौकरी मिलेगी उसी से ईएमआई कटाने की सुविधा शुरू की जा सकती है। 

यानी कि नौकरी मिलते ही एजुकेशनल लोन चुकाने के लिए ईएमआई शुरू होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एचआरडी मंत्रालय ने आईआईटी के सुझाव पर अब नीति बनाने का काम शुरू कर दिया है।

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