स्कूलों में इस गर्मी की छुट्टी में भी छात्रों को मध्याह्न भोजन मिलेगा: रमेश पोखरियाल निशंक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर मध्याह्न भोजन योजना के तहत खाना पकाने पर आने वाले खर्च के मद में केंद्रीय आवंटन (दाल, सब्जी, तेल, मसाला, ईंधन की खरीद) को 7300 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8100 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो 10.99 प्रतिशत की वृद्धि है।
नयी दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिये लागू लॉकडाउन के मद्देनजर स्कूलों में इस गर्मी की छुट्टी में भी छात्रों को मध्याह्न भोजन प्रदान किया जायेगा। इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्री ने राज्यों से 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू करने और सीबीएसई को इस कार्य में मदद करने को कहा। मानव संसाधन विकास मंत्री ने यह टिप्पणी वीडियो कांफ्रेंस के जरिये राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक में की।
निशंक ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान छात्रों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत राशन प्रदान किया जा रहा है, ताकि उन्हें पर्याप्त एवं पौष्टिक भोजन मिले। इस गर्मी की छुट्टी में स्कूलों के छात्रों को मध्याह्न भोजन प्रदान करने को मंजूरी दी गई है। इसपर 1600 करोड़ रपये अतिरिक्त खर्च होंगे। इसके अतिरिक्त मध्याह्न भोजन योजना के तहत पहली तिमाही के लिये 2500 करोड़ रुपये का अस्थायी अनुदान जारी किया जा रहा है।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर मध्याह्न भोजन योजना के तहत खाना पकाने पर आने वाले खर्च के मद में केंद्रीय आवंटन (दाल, सब्जी, तेल, मसाला, ईंधन की खरीद) को 7300 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8100 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो 10.99 प्रतिशत की वृद्धि है।MoS for HRD Shri @SanjayDhotreMP, Secretary of the Department of School Education and Literacy, Smt. Anita Karwal, and senior officials of the Ministry were also present on the occasion.#IndiaFightsCOVID19 #IndiaFightsCoronavirus pic.twitter.com/Zl42Py8n5o
— Dr Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) April 28, 2020
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मानव संसाधन विकास मंत्री ने राज्यों से कहा कि वे बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की प्रक्रिया शुरू करें। उन्होंने कहा, ‘‘मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए और राज्यों की अपने-अपने यहां छात्रों की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में सीबीएसई मदद करे। जहां केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय मंजूर हैं, लेकिन जमीन के अभाव या कम क्षमता के कारण शुरू नहीं हो पाये हैं, उन प्रदेशों से आग्रह किया जाता है कि वे जल्द जमीन हस्तांतरित करें।अन्य न्यूज़