जम्मू कश्मीर से 370 हटने के 39वें दिन ऐसे हैं हालात, अब्दुल्ला-मुफ्ती अभी भी नजरबंद
इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं। स्कूलों को फिर से खोलने के राज्य सरकार के प्रयासों का कोई फल नहीं निकला क्योंकि सुरक्षा को लेकर चिंता के कारण माता-पिता बच्चों को घर से बाहर नहीं भेज रहे। शीर्ष स्तर के ज्यादातर अलगाववादी नेताओं को हिरासत में रखा गया है।
श्रीनगर। कश्मीर में बृहस्पतिवार को भी स्कूल बंद रहे और सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे। अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को खत्म किए जाने के 39वें दिन बाद भी कश्मीर में जनजीवन प्रभावित है। घाटी के ज्यादातर इलाकों से आवाजाही और लोगों के इकट्ठा होने पर लगी पाबंदियों को हटा लिया गया है। हालांकि अधिकारियों के मुताबिक कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए सुरक्षा बल अभी भी वहां पर तैनात हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी मोबाइल संचार पर पाबंदियों में ढील देने और वॉयस कॉल सेवाओं को बहाल करने पर भी विचार कर रहे हैं।
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हालांकि पूरी घाटी में लैंडलाइन काम कर रहे हैं लेकिन मोबाइल पर वॉयस कॉल केवल उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा और हंदवाड़ा पुलिस क्षेत्रों में ही हो पा रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि घाटी में सामान्य जन जीवन अभी भी प्रभावित है। बाजार और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों से गाड़ियां नदारद रहीं। इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं। स्कूलों को फिर से खोलने के राज्य सरकार के प्रयासों का कोई फल नहीं निकला क्योंकि सुरक्षा को लेकर चिंता के कारण माता-पिता बच्चों को घर से बाहर नहीं भेज रहे। शीर्ष स्तर के ज्यादातर अलगाववादी नेताओं को हिरासत में रखा गया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्यधारा के नेताओं को हिरासत में या नजरबंदी में रखा गया है।
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