संसद की सुचारू कार्यवाही के लिये विभिन्न दलों से अलग अलग चर्चा करेंगी सुमित्रा महाजन

Sumitra Mahajan will discuss different issues for the smooth functioning of the Parliament
[email protected] । Jul 15 2018 1:30PM

संसद के मानसून सत्र में सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सांसदों से सहयोग की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह अगले दो-तीन दिनों में विभिन्न दलों के नेताओं से इस विषय पर अलग अलग बातचीत करेंगी।

नयी दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सांसदों से सहयोग की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह अगले दो-तीन दिनों में विभिन्न दलों के नेताओं से इस विषय पर अलग अलग बातचीत करेंगी। सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘17 जुलाई को सभी दलों के नेताओं की बैठक होगी। इस दौरान मैं कोशिश करूंगी कि अगले दो..तीन दिनों जितने भी दलों से हो सके, अलग अलग बातचीत करूं। ’’ उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित सभी दलों के नेताओं से सहयोग मांगा जाए। सदन के कामकाज में कौन सा विषय लेना है, कब लेना है... यह कार्य मंत्रणा समिति :बीएसी: में तय हो होगा लेकिन सदन का काम ठप नहीं होना चाहिए । ‘‘विभिन्न दलों से अलग अलग बातचीत के दौरान मैं इस बारे में कोई रास्ता निकालने का प्रयास करूंगी।’’

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में शोर शराबे के कारण कामकाज ठप होता है, तब सदस्य अपने क्षेत्र की बात नहीं रख पाते हैं। जबकि एक जनप्रतिनिधि के तौर पर सदस्यों का कर्तव्य होता है कि वे जनता के विषयों को नियमों के तहत सदन में रखें। सदन में शोर शराबे के संदर्भ में सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘बाहर के देशों में इससे देश की छवि बिगड़ती है। यह इतने बड़े लोकतांत्रिक देश की अच्छी तस्वीर पेश नहीं करता।’’ स्पीकर ने कहा कि उन्होंने इस बारे में सदस्यों को पत्र लिखकर आग्रह भी किया है। उल्लेखनीय है कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है और 10 अगस्त तक चलेगा। प्रश्नकाल स्थगित कर विषयों को उठाने संबंधी कार्यस्थगन प्रस्ताव की बढ़ती संख्या के बारे में पूछने पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसके बारे में नियम है, ऐसे विषय शून्यकाल में लिये जाते है। सभी नियम जानते हैं। ये नियम मैंने नहीं बनाये हैं, पहले से चले आ रहे हैं। अगर रोज किसी न किसी विषय को लेकर प्रश्नकाल स्थगित होगा, तब प्रश्नकाल का मतलब क्या रह जायेगा।’’ 

उन्होंने कहा कि लेकिन अगर कोई बड़ा विषय है, गंभीर बात हो गई हो, तब :प्रश्नकाल स्थगित कर: चर्चा करा सकते हैं।संसद में आसन के सामने सदस्यों के बैनर, पोस्टर, तख्तियां लहराने की बढ़ती प्रवृत्ति के बारे में सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘जब सांसद चुनाव जीत कर आते हैं, तब उन्हें एक बैग दिया जाता है जिसमें संविधान की प्रति और सभी प्रकार के नियमों की किताबें होती हैं । ऐसी उम्मीद की जाती है कि वे इसे पढ़ें।’’ उन्होंने कहा कि एक सांसद करीब 10 लाख लोगों का प्रतिनिधि होता है, ऐसे में उनसे जिम्मेदारी भरे व्यवहार की उम्मीद की जाती है। उन्होंने कहा कि अलग अलग विचार और असहमति संसदीय मर्यादा एवं मानदंडों के अनुरूप होने चाहिए ताकि लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं में लोगों का विश्वास कायम रह सके। यह पूछा गया कि सदन की कार्यवाही में कई बार कुछ असंसदीय शब्दों को कार्यवाही से हटाने का परामर्श जारी किया जाता है, हालांकि इसका प्रसारण लोकसभा टीवी के जरिये हो चुका होता है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी शब्द या वाक्यांश का कार्यवाही रिकॉर्ड से हटाने का निहितार्थ भविष्य के लिये होता है। उन्होंने कहा कि आज कोई बात किसी ने कही और दूसरों ने सुनी लेकिन 25 साल बाद अगर कोई संसद की कार्यवाही का रिकार्ड पढ़े तब उसमें यह बात नहीं आए।

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