अंतिम आदेश आने तक बिना आधार भी ले सकेंगे योजनाओं का लाभ

Supreme Court refuses to pass order against mandatory Aadhaar
[email protected] । Jun 27 2017 3:33PM

उच्चतम न्यायालय ने समाज कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने वाली सरकारी अधिसूचना पर अंतरिम आदेश देने से आज इंकार कर दिया।

उच्चतम न्यायालय ने समाज कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने वाली सरकारी अधिसूचना पर अंतरिम आदेश देने से आज इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की महज इस आशंका के आधार पर कि आधार नहीं होने पर सरकार लोगों को विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित कर सकती है, वे इस चरण पर आकर कोई अंतरिम आदेश नहीं दे सकते हैं।

पीठ ने शीर्ष अदालत द्वारा नौ जुलाई को दिए गए उस आदेश का हवाला दिया जिसमें आयकर अधिनियम के उस प्रावधान की वैधता को बरकरार रखा गया था जो पैन कार्ड तथा कर रिटर्न फाइल करने के लिए आधार को अनिवार्य बनाता है। हालांकि शीर्ष अदालत ने इसके क्रियान्वयन पर तब तक के लिए आंशिक रोक लगा दी थी जब तक संवैधानिक पीठ निजता के अधिकार के मुद्दे को नहीं देख लेती। पीठ ने कहा, 'मामले में नौ जून को आए फैसले में पैराग्राफ 90 में की गई टिप्पणी को देखते हुए आगे और अवलोकन की आवश्यकता नहीं है।' सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं का लाभ उठा रहे वे लोग जिनके पास आधार नहीं है उनके लिए केंद्र ने अंतिम समय सीमा 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने न्यायालय से केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं के लाभांवितों को आधार नहीं होने की वजह से लाभों से वंचित नहीं किया जाए। पीठ ने मामले की सुनवाई सात जुलाई निर्धारित करते हुए दीवान से कहा, 'सिर्फ आशंकाओं के आधार पर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता। आपको एक हफ्ते इंतजार करना होगा। यदि किसी को वंचित (लाभों से) किया जाता है तो इसकी जानकारी आप इसी अदालत को दे सकते हैं।' शीर्ष अदालत समाज कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने वाली सरकारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली तीन अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़