CBI मामले में मोदी सरकार पर भड़का विपक्ष, कहा- SC के फैसले से साबित हुआ दोष

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[email protected] । Jan 8 2019 3:39PM

सीबीआई मामले में कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री सीबीआई को तबाह करने के मामले में उच्चतम न्यायालय के सामने बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।

नयी दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक अलोक कुमार वर्मा को बहाल करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिनके अवैध आदेशों को उच्चतम न्यायालय ने खारिज किया है। कांग्रेस के साथ दूसरे राजनीतिक दलों ने भी उच्चतम न्यायालय के आदेश को सरकार के लिये बड़ा झटका करार दिया।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री सीबीआई को तबाह करने के मामले में उच्चतम न्यायालय के सामने बेनकाब होने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। इससे पहले भी उन्होंने इसी तरह केंद्रीय सतर्कता आयोग की विश्वसनीयता (उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायधीश की सलाह की जरूरत) को दरकिनार कर उसे तबाह कर दिया था। श्री मोदी अब ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनके अवैध आदेशों को उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया है।

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उन्होंने मोदी को यह याद रखने के लिये कहा कि सरकारें आती जाती रहेंगी लेकिन संस्थानों की अखंडता हमेशा कायम रहती है। सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि यह आपके लिये हमारे लोकतंत्र और संविधान की मजबूती के बारे में एक सबक है। इससे पता चलता है कि आप कितने भी स्वेच्छाचारी हों, अंत में कानून आपको पकड़ ही लेता है। सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री को ‘लोकतांत्रिक संस्थानों को कुचलने वाला’ करार दिया।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि आज आप लोगों पर दबाव बनाने के लिये इन एजेंसियों का इस्तेमाल करेंगे, कल कोई और ऐसा करेगा। ऐसे में लोकतंत्र का क्या होगा? वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अदालत के फैसले से साबित होता है कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार इस मामले में सीधे तौर पर शामिल थे। संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा ने इस फैसले को सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया।

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह आदेश इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी को सीधे दोषी ठहराता है। आम आदमी पार्टी प्रमुख ने ट्वीटर पर लिखा, "उच्चतम न्यायालय का सीबीआई प्रमुख को बहाल करना प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर दोषी ठहराता है। मोदी सरकार ने देश के संस्थानों और लोकतंत्र को तबाह कर दिया। क्या सीबीआई निदेशक को आधी रात को अवैध रूप से हटाना राफेल घोटाले की जांच रोकने की कोशिश नहीं थी, जिससे सीधे प्रधानमंत्री जुड़े हुए हैं?"

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को अब अपने राजनीतिक फायदे के लिये सीबीआई और एनआईए जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद कर देना चाहिेये। उच्चतम न्यायालय के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यह आदेश वर्मा के लिये अधूरी जीत है। उन्होंने कहा, उन्हें (वर्मा को) बहाल तो कर दिया गया है लेकिन उन्हें कोई भी नीतिगत फैसला लेने से रोक दिया गया है। 

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अपने आदेश में अदालत ने कहा कि वर्मा के बारे में कोई भी फैसला सीबीआई निदेशक का चुनाव और नियुक्त करने वाली उच्च शक्ति प्राप्त समिति करेगी। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल और के एम जोसेफ की पीठ ने सुनाया है। सीबीआई के निदेशक के रूप में वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है।

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