निकाह हलाला के खिलाफ याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर होगा विचार: सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय में व्याप्त ‘निकाह हलाला’ और ‘बहुविवाह’ प्रथाओं को चुनौती देने वाली अर्जियों को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए आज सहमति जताई।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय में व्याप्त ‘निकाह हलाला’ और ‘बहुविवाह’ प्रथाओं को चुनौती देने वाली अर्जियों को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए आज सहमति जताई। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता वी शेखर की इस दलील पर गौर किया कि याचिकाओं को अंतिम फैसले के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे देखेंगे।’’
दिल्ली के याचिकाकर्ताओं में से एक समीना बेगम की ओर से पेश अधिवक्ता शेखर और अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि उनकी मुवक्किल को धमकी दी जा रही है और कहा जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय में ‘निकाह हलाला’ और ‘बहुविवाह’ प्रथाओं को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वह वापस ले लें। इस बीच पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को इस याचिका पर जवाब दाखिल करने की अनुमति दी।
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