सूरत आगः प्रारंभिक जांच में नगर निगम, बिल्डर की ओर से खामी पायी गयी
जांच में पाया गया है कि कोचिंग क्लास की संरचना भी आग जैसी घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील थी। इसमें छत काफी नीचे था और कुर्सियों की जगह बैठने के लिए टायर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
गांधीनगर। सूरत की भीषण आग की घटना की प्रारंभिक जांच में स्थानीय नगर परिषद के अधिकारियों और बिल्डरों की ओर से कई तरह की त्रुटि की बात सामने आ रही है। शहर के तक्षशिला कॉम्पलेक्स में लगी इस आग में एक कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले 22 छात्रों की मौत हो गयी थी। जांच में पाया गया है कि कोचिंग क्लास की संरचना भी आग जैसी घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील थी। इसमें छत काफी नीचे था और कुर्सियों की जगह बैठने के लिए टायर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
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प्रारंभिक जांच में यह बात निकलकर आई है कि बिल्डर ने प्रभाव शुल्क के भुगतान के साथ संरचना को मान्यता देने के लिए अर्जी दी तो यह बात छिपा ली कि उन्होंने तीन मंजिला कॉम्पलेक्स में चौथी मंजिल का निर्माण भी किया है। एक शीर्ष नौकरशाह के मुताबिक संबंधित अधिकारी ने बिल्डर के प्रस्ताव को मंजूरी देते वक्त खुद बिल्डिंग का दौरा नहीं किया था।
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— Dr kafeel khan (@drkafeelkhan) May 24, 2019
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