ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा, याचिकाकर्ता का दावा- मिले निर्णायक सबूत

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद परिषद में सर्वे-वीडियोग्राफी का कार्य पूरा हो गया है। सोमवार को लगातार तीसरे दिन सर्वे-वीडियोग्राफी का कार्यक्रम किया गया। हालांकि, आज सर्वे वीडियोग्राफी का काम पूरा हो गया है। इससे पहले शनिवार और रविवार को भी 8:00 से 12:00 के बीच सर्वे का कार्य किया गया था। रविवार 12:00 बजे तक लगभग 65 फ़ीसदी सर्वे का कार्य पूरा हुआ था। तीसरे दिन सर्वे का कार्य पूरा होने पर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने दावा किया कि हमें निर्णायक सबूत मिले हैं। दूसरी ओर इस सर्वे को लेकर वाराणसी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
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उल्लेखनीय है कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है। स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। इससे पहले हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने रविवार को कहा था कि आज सर्वे का लगभग 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और कल (सोमवार को) भी यह जारी रहेगा। यादव ने कहा था कि चूंकि, इस तरह के सर्वे कार्य के लिए अधिवक्ता अभ्यस्त नहीं हैं और यह पूरी तरह से पुरातात्विक सर्वे का कार्य है, इसलिए इसमें थोड़ा समय लग रहा है। वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य कराने के लिए नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त (कोर्ट कमिश्नर) अजय मिश्रा को पक्षपात के आरोप में हटाने की मांग संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी थी।
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अदालत ने स्पष्ट किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर करते हुए विशाल सिंह को विशेष अधिवक्ता आयुक्त और अजय प्रताप सिंह को सहायक अधिवक्ता आयुक्त के तौर पर नियुक्त किया था। उन्होंने संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए थे। जिला अदालत ने कहा था कि यदि सर्वेक्षण की खातिर परिसर के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के लिए चाबियां उपलब्ध नहीं हैं तो ताले तोड़े जा सकते हैं। अदालत ने अधिकारियों को सर्वे कार्य में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी निर्देश दिया था। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने बीते शुक्रवार को सर्वेक्षण पर यथास्थिति का अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की एक याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करने के लिए सहमत हुई है।
Varanasi | The survey by the Court commission has concluded. We have found conclusive evidence: Sohan Lal Arya, petitioner in the Gyanvapi mosque case pic.twitter.com/9GQ4ZJxNfj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 16, 2022