स्वाति मालीवाल ने लिखा PM मोदी को पत्र, आरोपियों को दोषसिद्धि के 6 महीने के अंदर फांसी की मांग

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[email protected] । Dec 3 2019 3:02PM

मालीवाल ने सुबह पुलिस पर उन्हें जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की अनुमति नहीं देने का आरोप भी लगाया था। मालीवाल को मंगलवार सुबह बलात्कार की हाल की वारदातों के विरोध में भूख हड़ताल शुरू करनी थी।

नयी दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख बलात्कार के आरोपियों को दोषसिद्धि के छह महीने के अंदर फांसी देने की भी मांग की। मालीवाल ने कानून को क्रियान्वित करने आवश्यकता पर जोर देते हुए पुलिस बल को बढ़ाने और उनकी जवाबदेही तय करने की मांग भी की। उन्होंने कहा, ‘‘ कानून बनाना भर काफी नहीं है। आपसे अनुरोध है कि सभी बलात्कारियों को छह महीने में मौत की सजा देने का कानून तुरंत लागू करें और इसके लिए सभी आवश्यक तंत्र शुरू किए जाएं। ’’ हैदराबाद में पशुचिकित्सक के साथ बलात्कार एवं हत्या और राजस्थान में छह वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ देश के हर कोने में बेटियां इस घिनौने अपराध का शिकार हो रही हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ये बेटियां हमारे साथ नहीं है, लेकिन उनकी चीखें हमें शांति से बैठने नहीं दे रहीं। उन पर क्या गुजरी होगी यह सोच कर रूह कांप जाती है।’’ उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्ष में डीसीडब्ल्यू ने 55,000 मामले सुने, 181 पर 2.15 लाख फोन आए, 75,000 जगहों का दौरा किया, 33,000 अदालती मामलों में पीड़ितों की मदद की, 11,000 काउंसलिंग सेशन किए और 200 11,000 काउंसलिंग केन्द्र स्थापित किए। उन्होंने कहा, ‘‘ डीसीडब्ल्यू देश का इकलौता महिला आयोग है जो रविवार-शनिवार और दिन-रात काम करता है। लेकिन इतना करने के बावजूद बेटियों का बलात्कार होना जारी है तो इन सबका कोई फायदा नहीं है।’’

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मालीवाल ने सुबह पुलिस पर उन्हें जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की अनुमति नहीं देने का आरोप भी लगाया था। मालीवाल को मंगलवार सुबह बलात्कार की हाल की वारदातों के विरोध में भूख हड़ताल शुरू करनी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने वहां अवरोधक लगा दिए और तंबू लगाने की अनुमति नहीं दी। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उन्हें प्रदर्शन से मना नहीं किया गया है, बल्कि इस बारे में डीसीडब्ल्यू को पत्र लिख प्रदर्शन का विवरण, परिवहन के साधन, माइक्रोफोन के प्रबंध और इसमें शामिल होने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या के संबंध में जानकारी मांगी है।  पुलिस ने साथ ही उस हलफनामे की एक प्रति भी मांगी है, जिसे उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार भरा जाना होता है। उन्होंने बताया कि विवरण का इंतजार किया जा रहा है। 

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