पीएजीडी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में लेना अलोकतांत्रिक : मीर

Ahmad Mir

मीर ने यहां एक बयान में कहा, “परिसीमन आयोग के मसौदे के विरोध में प्रस्तावित धरने से पहले डॉ फारूक अब्दुल्ला जैसे प्रमुख नेता को नजरबंद रखना एक पाखंड, अनैतिक और भारतीय लोकतंत्र की मूल बुनियाद के खिलाफ है जो प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।”

श्रीनगर| कांग्रेस की जम्मू- कश्मीर इकाई के प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने शनिवार को कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को ‘नजरबंद’ करना अनैतिक और अलोकतांत्रिक है।

जम्मू-कश्मीर पर परिसीमन आयोग की सिफारिशों के विरोध में पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) द्वारा मार्च निकाले जाने से पहले फारूक अब्दुल्ला सहित राजनीतिक दलों के अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।

गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के अलावा, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में रखा गया।

मीर ने यहां एक बयान में कहा, “परिसीमन आयोग के मसौदे के विरोध में प्रस्तावित धरने से पहले डॉ फारूक अब्दुल्ला जैसे प्रमुख नेता को नजरबंद रखना एक पाखंड, अनैतिक और भारतीय लोकतंत्र की मूल बुनियाद के खिलाफ है जो प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।”

उन्होंने कहा कि नजरबंदी वास्तव में सरकार द्वारा नए साल के अवसर पर दिया गया एक उपहार है। उन्होंने अब्दुल्ला और पीएजीडी के अन्य नेताओं की अवैध नजरबंदी की निंदा की।

मीर ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि ऐसी “अलोकतांत्रिक कदम जम्मू और कश्मीर के लोगों को और निराश करेंगे जो पहले से ही वर्तमान व्यवस्था में विश्वास खो चुके हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि नेताओं को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने से “रोकना”, भाजपा सरकार के पाखंड की ओर इशारा करता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़