इस राज्य के लड़कों को नहीं मिल रही दुल्हन, अब यूपी-बिहार में तलाश रहे लड़कियां
तमिलनाडु ब्राह्मण संघ ने यूपी और बिहार जाकर दूल्हन ढूंढने का अभिायन शुरू कर दिया है। जानकारी के लिए बता दें , ब्राह्मण संघ ने एक ही समुदाय से दूल्हों की तलाश के लिए बिहार और यूपी में एक मुहिम शुरू की है। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु में तमिल ब्राह्मण दुल्हनों की बहुत कमी हो गयी है।
तमिलनाडु में दुल्हन मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। हाल इतना बुरा है कि अब 40 हजार से ज्यादा युवा तमिल ब्राह्मण पुरुष यूपी और बिहार जाकर दूल्हन की तलाश कर रहे है। एक खबर के मुताबिक, तमिलनाडु ब्राह्मण संघ ने यूपी और बिहार जाकर दूल्हन ढूंढने का अभिायन शुरू कर दिया है। जानकारी के लिए बता दें , ब्राह्मण संघ ने एक ही समुदाय से दूल्हों की तलाश के लिए बिहार और यूपी में एक मुहिम शुरू की है। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु में तमिल ब्राह्मण दुल्हनों की बहुत कमी हो गयी है जिसके कारण अब राज्य के ब्राह्मण संघ ने यूपी और बिहार राज्यों में दूल्हन की तलाश शुरू कर दी है।
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थमिजनाडु ब्राह्मण एसोसिएशन के अध्यक्ष एन नारायणन ने बताया कि, 'हमने अपने विशेष अभियान शुरू किया है। कुछ आंकड़ों का हवाला देते हुए, नारायणन ने कहा कि 30-40 साल के 40,000 से ज्यादा तमिल ब्राह्मण पुरुष शादी करने में असमर्थ हैं क्योंकि तमिलनाडु में दुल्हन नही मिल पा रही हैं। उन्होंने कहा कि, अगर विवाह योग्य 10 ब्राह्मण लड़के हैं तो इसके मुकाबले लड़कियां केवल 6 हैं।
इस पहल के लिए दिल्ली, लखनऊ और पटना में समन्वयक नियुक्त किए जाएंगे। इसमें वह लोग शामिल होंगे जो पढ़, लिख सकते हैं और हिंदी बोल सकते हैं। एसोसिएशन के मुताबिक, लखनऊ और पटना के लोगों के सपंर्क मे हैं।नारायणन ने आगे कहा कि, कई ब्राह्मण लोगों ने इस मुहिम का स्वागत किया है लेकिन कई के वितार इससे मेल नहीं खा रहे थे। एक शिक्षाविद्, एम परमेश्वरन ने कहा कि, विवाह योग्य तमिल ब्राह्मण लड़कियां उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन लड़कों को दुल्हन नहीं मिल पाने का यही एकमात्र कारण नहीं है।
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उन्होंने बताया कि, लड़के के साइड से हमेशा एक धूम और जोरो-शोरों से शादी की उम्मीद की क्यों जाती है? लड़कों के माता-पिता क्यों चाहते हैं कि शादियां आलीशान मैरिज हॉल में ही क्यों हों? साधारण तरीके से भी तो शादी कराई जा सकती है। मंदिर या घर में शादी क्यों नहीं कराई जा सकती है? लड़की के परिवार वालों को शादी का बहुत खर्चा उछाना पड़ता है और यह एक तमिल समुदाय का अभिसाप है। परमेश्वरन ने कहा कि, समुदाय को प्रगति चुननी चाहिए न की दिखावा।
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