तमिलनाडु और केरल ने किया कोरोना की दूसरी लहर को काबू, अन्य राज्यों के लिए पेश किया उदाहरण
कोरोना महामारी को गंभीरता से लेते हुए इन राज्यों में केवल एक मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने पर गाइडलाइंस जारी कर दी जाती है। तमिलनाडु के चैन्नई में जहां ज्यादातर मरीजों से बेड भर चुकी है उसके बावजूद राज्यों ने ऐसी व्यवस्था की है जिससे कोई भी मरीज सड़को पर या अस्पतालों पर भटकता नजर नहीं आता है।
कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा देश इस वक्त कई अव्यवस्था से गुजर रहा है लेकिन देश के अन्य राज्यों जैसे तमिलनाडु और केरल यह वो दो राज्य है जो इस संकट में लड़ने से उबर पाया है। यह दोनों ही राज्य ऐसे है जो इस वक्त एक सबक के तौर पर सामने आए है जिसे पिछले साल की महामारी को गंभीरता से लेते हुए अपने पब्लिक हैल्थ सिस्टम में सुधार किया। इस सुधार से कोरोना से न केवल सामान्य स्थिति हो पाई है बल्कि एक उदाहरण भी पेश करते नजर आ रहे है। दिल्ली और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में जहां हॉस्पिटल , ऑक्सीज़न, बेड और शवों को उठाने के लिए मदद को गिड़गिड़ा रहे है वहीं यह दो राज्यों में फिलहाल ऐसी कोई स्थिति नहीं दिखाई दे रही है।
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कोरोना महामारी को गंभीरता से लेते हुए इन राज्यों में केवल एक मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने पर गाइडलाइंस जारी कर दी जाती है। तमिलनाडु के चैन्नई में जहां ज्यादातर मरीजों से बेड भर चुकी है उसके बावजूद राज्यों ने ऐसी व्यवस्था की है जिससे कोई भी मरीज सड़को पर या अस्पतालों पर भटकता नजर नहीं आता है। बता दें कि राज्य मरीज की प्राथमिकता को देखते हुए इलाज किया जा रहा है। जिस मरीज की हालत ज्यादा खराब है उसको देखते हुए उन्हें तुरंत अस्प्ताल में भर्ती किया जाता है। वहीं जिन मरीजों में कम लक्षण नजर आते है उन्हें स्क्रीनिंग सेंटर भेज दिया जाता है। आरटीपीसीआर, एंबुलेंस जैसी सारी सुविधाएं मुफ्त में दी जा रही है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस केरल में आए थे, ऐसे में अन दोनों राज्यों ने कोरोना से निपटने के लिए कई तरह के पहले को अपनाया है।
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