तमिलनाडु सरकार संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी कर रही है: भाजपा प्रतिनिधिमंडल
गौड़ा ने कहा कि पार्टी के सदस्यों को अपमानित किया गया और जेल में डाल दिया गया। उन्होंने दावा किया कि परिसर की दीवार पर केवल ध्वजस्तंभ खड़ा किया गया था और कोई झंडा नहीं फहराया गया था। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से घटना के बारे में मुख्य सचिव और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की। प्रतिनिधिमंडल जल्द ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक व्यापक रिपोर्ट सौंपेगा।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को यहां तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि से मुलाकात की और कथित तौर पर पुलिस द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार एवं उत्पीड़न का उल्लेख करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। गौड़ा ने बाद में आरोप लगाया कि जब से द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सत्ता में आई है, तब से भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगभग 409 मामले दर्ज किए गए हैं और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी कर जन विरोधी सरकार चला रहे हैं। गौड़ा ने राज्यपाल से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, “भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ भय का माहौल पैदा किया जा रहा है और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।”
प्रतिनिधिमंडल में गौड़ा के अलावा सांसद सत्यपाल सिंह, आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी और बेंगलुरु सेंट्रल के सांसद पी.सी. मोहन भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि भाजपा अतीत में केरल और पश्चिम बंगाल में इस तरह की रणनीति से प्रभावी तरीके से निपटी है और तमिलनाडु में भी पार्टी इन समस्याओं से उबर जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्टालिन से कहना चाहता हूं, कृपया हमारे कार्यकर्ताओं के साथ खेल न खेलें। सिर्फ इसलिए कि आप सत्ता में हैं, यह मत सोचिए कि आप पुलिस का इस्तेमाल कर सकते हैं और हमारे कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं और हमारी राजनीतिक गतिविधि को प्रतिबंधित कर सकते हैं... इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
राज्य के दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में पनय्यूर में पार्टी अध्यक्ष के. अन्नामलाई के आवास के पास से पुलिस द्वारा ध्वजस्तंभ हटाए जाने के विरुद्ध प्रदर्शन के लिए गिरफ्तार किए गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवारों से मुलाकात की। गौड़ा ने कहा कि पार्टी के सदस्यों को अपमानित किया गया और जेल में डाल दिया गया। उन्होंने दावा किया कि परिसर की दीवार पर केवल ध्वजस्तंभ खड़ा किया गया था और कोई झंडा नहीं फहराया गया था। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से घटना के बारे में मुख्य सचिव और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की। प्रतिनिधिमंडल जल्द ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक व्यापक रिपोर्ट सौंपेगा।
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