तमिलनाडु के राज्यपाल ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, अब बंदूक का जवाब बंदूक से मिलेगा
अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने भारत की हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को भी दोहराया। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के इंटरनल सिक्योरिटी पिछले सरकार के मुकाबले मजबूत हुई है।
पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ साजिशें रचता रहता है। भारत की ओर से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को हमेशा कड़ी चेतावनी भी दी जाती है। इन सबके बीच तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि का भी बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अब जो कोई भी बंदूक का इस्तेमाल करता है, उसके साथ बंदूक से ही निपटा जाना चाहिए। दरअसल, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि केरल के कोच्चि में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने भारत की हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को भी दोहराया। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के इंटरनल सिक्योरिटी पिछले सरकार के मुकाबले मजबूत हुई है।
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इतना ही नहीं, उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि जो कोई भी देश की एकता और अखंडता के खिलाफ बात करते हैं, उनसे कोई भी बात नहीं की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले का भी जिक्र किया और उस समय के तत्कालीन यूपीए सरकार को भी घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस हमले की वजह से पूरा देश स्तब्ध था, मुट्ठी भर आतंकवादियों ने देश को अपमानित किया था। इस हमले के बाद दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की ओर से संयुक्त विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर किए गए थे जिसमें दावा किया गया था कि दोनों देश आतंकवाद के शिकार हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि पाकिस्तान दोस्त या दुश्मन? अगर हम बीच में रहने की कोशिश करते हैं तो यह भ्रमित करने वाला है।
अपने संबोधन में तमिलनाडु के राज्यपाल ने सर्जिकल स्ट्राइक को पाकिस्तान के लिए करारा जवाब बताया। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद जिस तरीके से हमने वायु शक्ति का उपयोग करके बालाकोट में पाकिस्तान पर पलटवार किया, उससे यह संदेश गया है कि अगर कोई आतंकवाद का काम करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि भारत की आंतरिक सुरक्षा मनमोहन सिंह की शासन की तुलना में फिलहाल बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार के समय देश में माओवादी हिंसा एक गंभीर सुरक्षा चिंता थी। उस वक्त मध्य भारत के 185 से अधिक जिलों में उनकी मौजूदगी थी और लोग रेड कॉरिडोर के बारे में बात करते थे। लेकिन अब उनकी उपस्थिति 8 जिलों से भी कम में सीमित हो चुकी है।
#WATCH | Within 9 months of 26/11 Mumbai attacks, our then PM & Pak PM signed joint communique stating both countries were victims of terrorism. What is this? It has to be clear if Pak a friend or enemy... After Pulwama attack, we hit back at Pak in Balakot: Tamil Nadu Governor pic.twitter.com/3sTM68uUG9
— ANI (@ANI) August 1, 2022
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