डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए अपने कौशल को उन्नत बनाएं शिक्षक: राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कोविड-19 के कारण आये इस अचानक बदलाव के समय पारम्परिक शिक्षा के माध्यमों से हटकर डिजिटल माध्यम से पढ़ाने में सभी शिक्षक सहज नहीं हो पा रहे थे।
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिक्षा में डिजिटल माध्यम के महत्व को रेखांकित करते हुए शनिवार को कहा कि शिक्षकों को डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिये अपने कौशल को उन्नत करना चाहिए ताकि वे सीखने की प्रक्रिया में सहयोगी बनें और बच्चों को रुचि के साथ सीखने के लिए प्रेरित करें। राष्ट्रपति ने डिजिटल माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया कोविड-19 की वैश्विक महामारी से जूझ रही है, जिसने जन-जीवन को भारी क्षति पहुंचाई है। भारत सहित, दुनिया भर के ज्यादातर देशों में स्कूल और कॉलेज बंद हैं या इससे प्रभावित हैं। ऐसे समय में शिक्षा प्रदान करने में डिजिटल प्रौद्योगिकी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इसे भी पढ़ें: शिक्षक दिवस पर बोले नायडू, महामारी में भी छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए प्रयासरत शिक्षकों को दें धन्यवाद
उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 के कारण आये इस अचानक बदलाव के समय पारम्परिक शिक्षा के माध्यमों से हटकर डिजिटल माध्यम से पढ़ाने में सभी शिक्षक सहज नहीं हो पा रहे थे, लेकिन इतने कम समय में हमारे शिक्षकों ने डिजिटल माध्यम का उपयोग करके विद्यार्थियों से जुड़ने के लिए कड़ी मेहनत की है।’’ कोविंद ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि आप में से हर कोई (शिक्षक) डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए अपने कौशल को अपग्रेड और अपडेट करें, जिससे आपके शिक्षण की प्रभावशीलता और अधिक बढ़े।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को अभिभावकों के साथ भागीदारी करनी होगी ताकि वे बच्चों के साथ इस प्रक्रिया में सहयोगी बनें और उन्हें रुचि के साथ सीखने के लिए प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में किये जा रहे बुनियादी बदलावों के केंद्र में शिक्षक ही होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों को सक्षम बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस नीति के अनुसार हर स्तर पर शिक्षण के पेशे में सबसे होनहार लोगों का चयन करने के प्रयास करने होंगे। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि डिजिटल माध्यम से पढ़ाई करने के साधन ग्रामीण, आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों में भी हर वर्ग के हमारे बेटे-बेटियों को प्राप्त हो सकें।’’ कोविंद ने कहा कि अच्छे भवन, महंगे उपकरण या सुविधाओं से स्कूल नहीं बनता बल्कि एक अच्छे स्कूल को बनाने में शिक्षकों की निष्ठा और समर्पण ही निर्णायक सिद्ध होते हैं।
इसे भी पढ़ें: शिक्षक दिवस पर जेपी नड्डा ने दी शुभकामनाएं, कहा- शिक्षा से ज्ञान और शिक्षक से मार्गदर्शन प्राप्त होता है
उन्होंने कहा कि शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता हैं जो प्रबुद्ध नागरिकों का विकास करने के लिए चरित्र-निर्माण की नींव हमारे बेटे-बेटियों में डालते हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ शिक्षक की वास्तविक सफलता है विद्यार्थी को अच्छा इंसान बनाना - जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हो तथा जिसमें करुणा और सहानुभूति, साहस और विवेक, रचनात्मकता, वैज्ञानिक चिंतन और नैतिक मूल्यों का समन्वय हो।’’ उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि आज जिन 47 शिक्षकों को पुरस्कार मिल रहा है, उनमें से 18 महिलाएं हैं। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
Watch LIVE: President Kovind presents National Awards to Teachers via video conferencing #TeachersDay https://t.co/2CFsWbG4gw
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 5, 2020
अन्य न्यूज़