सिर्फ पूजा-पाठ तक ही सीमित न रहें मंदिर और मठ: योगी आदित्यनाथ
उन्होंने कहा कि भारत में संतों की परम्परा अत्यंत समृद्ध रही है। संतों ने हमेशा समाज को जगाने और सही रास्ता दिखाने की कोशिश की। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर में लगे जनता दरबार में आम लोगों से मुलाकात की।
गोरखपुर (उप्र)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि मंदिरों और मठों को सिर्फ पूजा—पाठ तक ही सीमित रहने के बजाय राष्ट्रवाद की भावना के साथ जनकल्याण के कार्यों में भी भूमिका निभानी चाहिये। योगी ने संत समाज और पुनर्जागरण विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहा, मंदिरों और मठों के केवल पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं रहना चाहिये, बल्कि उन्हें राष्ट्रवाद की भावना के साथ जनकल्याणकारी कार्यों में भी भाग लेना चाहिये।
शंकराचार्य जी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि एक सन्यासी को लगा कि भारत टुकड़ों मे बंटा है तो उन्होंने केरल से निकलकर भारत के चारों कोनों में पीठ स्थापित कर देश को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया।
— Gorakhnath Mandir (@GorakhnathMndr) September 12, 2019
संत समाज ने सभी वर्गों को समान मानकर जातिवादी कुरीतियों पर गहरा प्रहार किया है। pic.twitter.com/HWDPBNfX7x
उन्होंने कहा कि भारत में संतों की परम्परा अत्यंत समृद्ध रही है। संतों ने हमेशा समाज को जगाने और सही रास्ता दिखाने की कोशिश की। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर में लगे जनता दरबार में आम लोगों से मुलाकात की।
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