जम्मू कश्मीर में अस्थायी प्रतिबंधों का मकसद उपद्रव रोकना: वेंकैया नायडू
नायडू ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद संघ शासित क्षेत्र घोषित किये गये जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विकास की गति जोर पकड़ेगी।
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में विभिन्न नागरिक सुविधाओं पर अस्थायी प्रतिबंधों का उद्देश्य उपद्रव और अशांति फैलाने की शरारती तत्वों की मंशा को नाकाम बनाना है और अब इन प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। नायडू ने जम्मू कश्मीर में हाल ही में निर्वाचित पंच और सरपंचों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान कहा कि राज्य में पांच अगस्त को संविधान का अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी घोषित किये जाने के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था कायम रखने के लिये लागू किये गये विभिन्न प्रतिबंधों में अब ढील दी जा रही है। उन्होंने कहा कि संचार सुविधाएं भी चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने और जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को संघ शासित क्षेत्र घोषित करने के बाद पिछले एक महीने से राज्य में टेलीफोन, मोबाइल और इंटरनेट सेवायें आंशिक रूप से बंद थीं। इसके अलावा अशांति की आशंका वाले राज्य के कुछ इलाकों में एहतियातन कर्फ्यू भी लागू करना पड़ा था।
With dilution of Article 370 the Panchayats would now become more dynamic as the 3Fs- Funds Functions & Functionaries would be devolved to them. The financial power of Panchayats has also been increased by 10 times enhancing their financial powers up to Rs one lakh. #JammuKashmir pic.twitter.com/GrZTcgKyr4
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) September 10, 2019
नायडू ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद संघ शासित क्षेत्र घोषित किये गये जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विकास की गति जोर पकड़ेगी। नायडू ने सरपंचों के साथ बैठक की जानकारी ट्विटर पर साझा करते हुये कहा, ‘‘आज अपने निवास पर जम्मू कश्मीर से आये सरपंचों के शिष्टमंडल से मुलाकात की और संविधान का अनुच्छेद 370 हटने के बाद, क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों को तत्परता से जनसाधारण तक पहुंचाने के लिए निष्ठापूर्वक अथक प्रयास करने का आग्रह किया।’’ उपराष्ट्रपति ने राज्य में मौजूदा हालात के बारे में कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में लगाये गये अस्थायी प्रतिबंधों का उद्देश्य शरारती तत्वों द्वारा अशांति और उपद्रव की संभावना को रोकना तथा उसके कारण जान-माल की संभावित हानि से नागरिकों को बचाना है।’’ उन्होंने राज्य में पंचायती राज व्यवस्था मजबूत होने के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुये कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद, वहां भी पंचायती राज से जुड़े संविधान के 73वें और 74वें संशोधनों के प्रावधान स्वत: ही जम्मू-कश्मीर में भी लागू होंगे।
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नायडू ने जम्मू कश्मीर में पंचायतों के चुनाव पर खुशी व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘मुझे हर्ष है कि जम्मू कश्मीर में दशकों बाद, राज्यपाल शासन के दौरान, सफलतापूर्वक पंचायत चुनाव आयोजित किए गए तथा पंचायतों को संविधान सम्मत अधिकार दिए गए हैं। लगभग 4483 पंचायतों में से 3500 पंचायतों के चुनावों में लगभग 74 प्रतिशत मतदाताओं ने 35000 पंचों को चुना है।’’उन्होंने पंचायतों के वित्तीय अधिकारों में दस गुना बढ़ोतरी का जिक्र करते हुये कहा कि पंचायतों को अधिकार दिया गया है कि वे कर के माध्यम से अपना राजस्व बढ़ा सकें तथा प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी विकास योजनाओं का सोशल आडिट/लेखा परीक्षा करवा सकें। नायडू ने कहा कि पंचायतों को अधिकाधिक अधिकार दिए जा रहे हैं। पंचायतों को सार्थक और सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त कोष, कार्ययोजना और इसे लागू करने के लिये अधिकारियों और कर्मचारियों का अमला होना आवश्यक है। नायडू ने सुझाव दिया कि राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव हर पांच साल में कराये जाने को अनिवार्य बनाया जाना चाहिये। राज्य में इन चुनावों को टालने का अब कोई विकल्प मौजूद नहीं होना चाहिये।
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