घाटी से भाग रहे हैं आतंकवादी, कुछ ही पत्थरबाज बचे हैंः जेटली

Terrorists in Kashmir under pressure, stone pelters have dwindled: Arun Jaitley
[email protected] । Aug 14 2017 10:36AM

रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया है कि कश्मीर घाटी से अब आतंकवादी भाग रहे हैं और पत्थरबाजों की संख्या भी हजारों-सैंकड़ों से घटकर बीस से तीस रह गई है।

प्रेस विज्ञप्ति। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया है कि कश्मीर घाटी से अब आतंकवादी भाग रहे हैं और पत्थरबाजों की संख्या भी हजारों-सैंकड़ों से घटकर बीस से तीस रह गई है। वे रविवार को यहां इंडिया टीवी के पूरे दिन चलने वाले कॉन्क्लेव 'वंदे मातरम्' में बोल रहे थे। जेटली ने कहा, 'नोटबंदी के बाद मुद्रा की कमी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा अलगाववादी नेताओं के हवाला कारोबार पर कार्रवाई के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि अब आतंकवादी घाटी में बैंक लूट रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'मैं महसूस करता हूं कि घाटी में हथियारबंद आतंकवादी अब काफी दबाव में हैं और अब वे वहां से भाग रहे हैं। पहले हजारों की तादाद में आतंकवादी नियंत्रण रेखा पार करते थे, लेकिन अब ये संख्या घट गई है और सुरक्षा बल वहां पर हावी हैं।' 

रक्षा मंत्री ने कहा, 'इससे पहले, मुठभेड़ के दौरान सैंकड़ों या हजारों की तादाद में पत्थरबाज इकट्ठे होकर आतंकवादियों को भागने में मदद करते थे। आज उनकी संख्या घटकर 20,30 या 50 रह गई है।'

उन्होंने कहा, 'आज कोई बड़ा आतंकवादी यह सपना नहीं देख सकता कि वो आतंकी गतिविधियों को अंजाम देकर घाटी को दशकों तक आतंक के साये में रख सके, क्योंकि आज उनकी जिंदगी घटकर कुछ महीनों की रह गई है। मैं विशेष तौर पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की उनकी मेहनत (आतंकवादियों के खात्मे) के लिए तारीफ करूंगा।'

रक्षा मंत्री ने दावा किया, 'आज नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा पर भारतीय सेना हावी है, खासतौर से हमारी सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकवादियों के लिए घुसपैठ करना बेहद मुश्किल हो गया है।'

घाटी में आतंकवादियों द्वारा आईएसआईएस (ISIS) का झंडा लहराने के एक सवाल पर जेटली ने इसे 'छिटपुट घटना' बताया। उन्होंने कहा, 'कुल मिलाकर हमारा देश आईएसआईएस (ISIS) के खतरे से मुक्त है।'

जेटली ने कहा, 'हम भारत को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनाना चाहते हैं और इसके लिए हम निजी क्षेत्र को आगे लाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हम लोग इसके साथ ही अपनी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज (आयुध कारखाने) और रक्षा से जुड़े सार्वजनिक उपक्रमों को मजबूत भी कर रहे हैं।'

रक्षा मंत्री ने वर्तमान में भारत और चीन के बीच जारी डोकलाम गतिरोध पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'मौजूदा हालात संवेदनशील हैं और मैं किसी भी तरह की टिप्पणी सार्वजनिक तौर पर नहीं करूंगा'। 

जेटली, जो कि वित्त मंत्री भी हैं, ने अगले साल के बजट के बारे में कहा, 'अगले साल मेरी दो शीर्ष प्राथमिकताएं रहेंगी, राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्रामीण भारत।'  

रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया, 'देश के अंदर कुछ ऐसी ताकतें हैं जो कि सुरक्षा बलों की आलोचना कर देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं।' वे पिछले साल जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई घटना का जिक्र कर रहे थे जहां राष्ट्रविरोधी भाषण हुए थे और नारे लगाए गए थे।

उन्होंने कहा, 'मैं लेफ्ट के नेताओं के बारे में समझ सकता हूं जब वे इस तरह के राष्ट्रविरोधी तत्वों का समर्थन करते हैं, लेकिन जब मुख्यधारा की पार्टी और नेता उसका साथ देते हैं तो फिर यह परेशानी की बात हो जाती है। क्या आप यह कल्पना कर सकते हैं कि इंदिराजी, राजीव गांधी या नरसिम्हा राव कांग्रेस के किसी नेता के ऐसे कदम का समर्थन करते?'

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